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Desk: बिहार का पूर्णिया विश्वविद्यालय (Purnia University) एक बार फिर से वित्तीय अनियमितता को लेकर चर्चा में है. पूर्णिया विश्वविद्यालय में एक करोड़ 20 लाख रुपये की वित्तीय गड़बड़ी (Financial Scam) का मामला सामने आया है . लोकायुक्त में इस बाबत केस चल रहा है. पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजनाथ यादव ने बताया कि घोटाला का यह मामला साल 2018 का है. उस समय राजेश सिंह पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलपति थे.

जब 2018 में विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी तो विश्वविद्यालय द्वारा 12 कॉलेजों से 10-10 लाख रुपया लिया गया था लेकिन उस रुपया के खर्च का उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं हो पाया था. इस बाबत लोकायुक्त में केस चल रहा है. लोकायुक्त ने बिहार सरकार के उच्च शिक्षा विभाग, गवर्नर हाउस और पूर्णिया विश्वविद्यालय से इसकी रिपोर्ट मांगी है. विश्वविद्यालय द्वारा रिपोर्ट दिया जायेगा.

कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा इस मामले में सात सदस्यीय कमिटी भी बनाई गयी है. कमिटी इस रुपया के खर्च का उपयोगिता प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज तैयार कर लोकायुक्त को भेजेगी. जानकारी के अनुसार पूर्व में भी प्रो0 वीसी प्रभात कुमार ने विश्वविद्यालय प्रशासन को इस रुपये के खर्च और उपयोगिता प्रमाण-पत्र को लेकर आगाह किया था लेकिन इस मामले में तत्कालीन विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसको अनदेखा कर दिया था.

गौरतलब है कि 2018 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्णिया विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया था जिसके बाद राजेश कुमार सिंह विश्वविद्यालय के पहले कुलपति बनाये गये थे. कुलपति राजेश सिंह के द्वारा विश्वविद्यालय के संचालन के लिये सभी कॉलेजों से 10-10 लाख रुपये मांगा गया था जो विश्विद्यालय के खाते में भेजा गया था लेकिन इस राशि के खर्च का उपयोगिता प्रमाण पत्र को लेकर लोकायुक्त ने सवाल उठाय़ा है.

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