पटनाः विश्व युवा कौशल दिवस यानी वर्ल्ड यूथ स्किल डे के अवसर पर भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री ऋतुराज सिन्हा ने देश के सभी युवाओं को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि किसी भी देश का विकास उसके युवाओं के विकास के बिना संभव नहीं है। अब युवाओं को शिक्षा के साथ-साथ कौशल विकास के ज्ञान से प्रकाशित होना जरूरी है। इसी उद्देश्य से साल 2014 में संयुक्त राष्ट्र ने इस दिवस को मनाने का निर्णय लिया था।
ऋतुराज सिन्हा ने कहा कि प्राचीन काल से ही भारत के नागरिक अपनी युवा पीढ़ी को कार्यकुशल बनाने में सक्षम रहे हैं, जिसका प्रमाण प्राचीन भारत के वास्तुशिल्प एवं शिलालेख या अन्य पौराणिक वस्तुओ में देखने को मिलता है। इन कार्यकुशलता का लोहा विश्व ने भी माना है। परंतु समय के साथ हमें अपनी पौराणिक पद्धति को छोड़ सिर्फ और सिर्फ किताबी ज्ञान अर्जित करने के लिए प्रेरित किया गया। इसका परिणाम यह हुआ कि हमारे युवा शिक्षित तो हैं परंतु उनमें कार्य कुशलता का अभाव है। उन्होंने कहा कि 2014 से अबतक हुए प्रयास के बावजूद भारत की कुल आबादी में मात्र 2.5% ही औपचारिक कौशल प्रशिक्षण प्राप्त है, जबकि अमेरिका में यह आंकड़ा 52%, जापान में 80% और दक्षिण कोरिया में 96% है।
ऋतुराज सिन्हा ने कहा कि विकसित देशों के विकास में युवाओं के कौशल विकास की जरूरत को समझते हुए हमारे दूरदर्शी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कौशल विकास कार्यक्रम का शुभारंभ किया था। आज इसी का परिणाम है कि भारत में रोजगार पाने में सक्षम युवाओं का प्रतिशत 2014 के 33.9 प्रतिशत से बढ़कर 51.3 प्रतिशत हो गया है। सिन्हा ने बिहार के युवाओं से अपील की है कि वह पारम्परिक शिक्षा और प्रतियोगिता परीक्षा के साथ-साथ किसी भी एक क्षेत्र या विषय का औपचारिक कौशल प्रशिक्षण भी अवश्य हासिल करें।
ऋतुराज सिन्हा ने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि उन्हें कौशल विकास के महत्व को समझना होगा ताकि शिक्षा और रोजगार के बीच की खाई को पाटकर उन्नत व्यावसायिक प्रशिक्षण-शिक्षण से आर्थिक विकास और सामाजिक समावेश को बढ़ाकर एक विकसित भारत, विकसित बिहार की परिकल्पना को मूर्त किया जा सके।
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