हरनौत(नालंदा): नालंदा जिला के हरनौत से सार्थक राज एवं राजगीर से सौम्य शरद चंद्र राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स में बिहार का प्रतिनिधित्व करेंगे। दोनों 7-8 दिसंबर को राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स फोर ऑटिज्म में भाग लेंगे। सार्थक राज के कोच कुंदन कुमार पांडे ने बताया कि नालंदा के सार्थक राज एवं सौम्य शरद चंद्र बिहार के लिए 11 वीं नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप फोर ऑटिज्म 2024 में प्रतिनिधित्व करेंगे। दोनों पैरा खिलाड़ी मध्य प्रदेश के ग्वालियर स्थित अटल बिहारी वाजपेयी सीडीएस परिसर में होने वाली 7 और 8 दिसंबर को 11 वीं राष्ट्रीय एथलेटिक्स चैंपियनशिप फोर ऑटिज्म में अपना दमखम दिखाएंगे।
उन्होंने बताया कि सार्थक राज पिछली बार मुजफ्फरपुर में हुए बिहार स्टेट पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 23 -24 में द्वितीय स्थान प्राप्त किया था। इसके बाद वह राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स में हिस्सा लेगा। उन्होंने बताया कि बिहार में खेल के क्षेत्र में रोज ही नए-नए आयाम गढ़े जा रहे हैं। दिव्यांग बच्चे भी खेल में आगे बढ़कर तरक्की का रहे हैं। वर्तमान में नीतीश कुमार सरकार के नई नीति से खेल को बढ़ावा मिल रहा है। हाल ही में राजगीर में एशिया कप वूमेंस हॉकी चैंपियनशिप -24 का आयोजन उसी का परिणाम है। इससे अन्य खेलों के विकास का भी नया अध्याय शुरू हो गया है।
उन्होंने कहा कि भारतीय खेल महासंघ ऑटिज्म खिलाड़ियों के लिए राष्ट्रीय और तेज में एथलेटिक्स खेलों के 11वीं संस्करण का आयोजन किया है। जहां ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार से पीड़ित करीब 300 से अधिक एथलेटिक्स प्रतियोगिता में शामिल होकर खेलेंगे। जिन्हें विशेष रूप से डिजाइन और संशोधित किया गया है। इस के लिए 11 वीं राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 7 से 8 दिसंबर 2024 ग्वालियर में आयोजित की गई है। जिसमें नालंदा जिले से हरनौत के सार्थक राज एवं राजगीर से सौम्य शरद चंद्र हिस्सा लेंगे। सार्थक राज सॉफ्टबॉल एवं 50 मी बॉकिंग्स और सौम्य 1500 मीटर लंबी कूद स्पर्धा में शामिल होंगे।
सार्थक राज (ऑटिज्म दिव्यांग) सार्थक राज का जन्म से ही ऑटिज्म दिव्यांगता के कारण मानसिक व बौद्धिक विकास पूर्णतः नहीं हो पाया। इसके बावजूद कई जगहों पर खेल के क्षेत्र में उन्होंने जिला का नाम रोशन किया है। सौम्या शरद चंद्र (बौद्धिक क्षमता दिव्यांग)13 वीं जूनियर एवं सब जूनियर पैरा एथलेटिक चैंपियनशिप 15 से 17 जुलाई श्रीकांतिव स्टेडियम बैंगलोर कर्नाटका 1500 मीटर में सिल्वर मेडल प्राप्त किया। बचपन से ही बौद्धिक क्षमता से ग्रसित है। राजगीर से पटना एवं हरनौत जाकर प्रशिक्षण प्राप्त कर नालंदा एवं बिहार का नाम रोशन किया। वह भी ग्वालियर में मेडल लाने की तैयारी में है।