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Desk: पासपोर्ट वेरिफिकेशन के काम को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए एक मार्च से पूरे राज्य में एम पासपोर्ट एप लांच हो जाएगा। एम पासपोर्ट एप से पासपोर्ट वेरिफिकेशन के लिए सभी जिलों के दारोगा, डीएसपी और एएसपी को प्रशिक्षित किया जा चुका है। आठ फरवरी को प्रशिक्षण खत्म हुआ है। सभी थानों में एक-एक टैबलेट दिया जा रहा है। क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी प्रवीन मोहन सहाय ने बताया कि राज्य के थानों में 1350 टैबलेट बांटने का काम चल रहा है।

अभी पासपोर्ट वेरिफिकेशन में कम से कम 21 दिन लगते हैं। एम पासपोर्ट एप की मदद से 10 दिन से भी कम समय में वेरिफिकेशन का काम हो जाएगा। अभी पुलिस मुख्यालय से एसपी ऑफिस और फिर थाने तक जाने में कम से 21 दिन लग जाते हैं। एम पासपोर्ट एप के माध्यम से पुलिस सिर्फ आवेदक के आपराधिक रिकार्ड की जांच करेगी। इसके आधार पर वेरिफिकेशन हो जाएगा।

वेरिफिकेशन के लिए पुलिस आपके घर नहीं आएगी। इससे भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगेगी। एम पासपोर्ट एप से पासपोर्ट वेरिफिकेशन की बारीकियां समझने के लिए 23 सितम्बर 2019 को डीजीपी ने एम पासपोर्ट एप लांच किया था। पटना के कोतवाली और पाटलिपुत्रा थाने में पायलट प्रोजेक्ट के तहत एम पासपोर्ट एप पर काम शुरू हुआ। इसकी सफलता के बाद सभी जिलों के एक-एक थाने में एम पासपोर्ट एप से वेरिफिकेशन का काम हो रहा है।

33 पासपोर्ट सेवा केन्द्रों के माध्यम से बन रहे पासपोर्ट
राज्य में पटना और दरभंगा के अलावा 33 डाकघर पासपोर्ट केन्द्र पर पासपोर्ट के आवेदन हो रहे हैं। आशियाना दीघा स्थित पासपोर्ट सेवा केन्द्र में एक दिन में 1200 लोग आवेदन कर रहे हैं। इसके अलावा 600 पासपोर्ट आवेदन अन्य डाकघर के केंद्र पर लिए जा रहे हैं।

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