sunil pandey
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पटनाः बाहुबली पूर्व विधायक सुनील पांडे रविवार को बीजेपी में शामिल हो गए। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। सुनील पांडे के बेटे विशाल प्रशांत ने भी पार्टी की सदस्यता ले ली है। सुनील पांडे ने एलजेपी (आर) का साथ छोड़ दिया था। वे पशुपति पारस के साथ थे। इसके बाद अब वो भाजपा के साथ आ गए हैं। साल 2000 में सुनील पांडेय ने तरारी विधानसभा से समता पार्टी से चुनाव लड़कर पहली बार विधायक बनने का सफर तय किया। बाद में वे चार बार तरारी से विधायक रहे। लेकिन सुनील पांडेय की असली पहचान उनके बाहुबली छवि से रही।

दरअसल, सुनील पांडे को 2006 में पटना के एएसपी को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद नीतीश कुमार ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। कहा जा रहा है कि तरारी विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी सुनील पांडे के बेटे संदीप पांडे को अपना उम्मीदवार बना सकती है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने सुनील पांडे को पार्टी की सदस्यता दिलाई सदस्यता दिलाई।  दिलीप जायसवाल ने तरारी विधानसभा उपचुनाव को लेकर सुनील पांडे के पार्टी में शामिल होने के संकेत दिए थे।

वहीँ, बीजेपी की सदस्यता लेने के बाद सुनील पांडे ने ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए और कहा कि वह लगातार एनडीए के ही कार्यकर्ता रहे हैं लेकिन आज अपनी पार्टी बीजेपी में शामिल हो गए हैं।  उन्होंने कहा कि अगले चुनाव में उनका मकसद बीजेपी को जीत दिलाना और सरकार बनाना होगा। ऐसे में इस उपचुनाव को विधानसभा चुनाव 2025 का रिहर्सल माना जा रहा है। इसलिए सभी दल मजबूत उम्मीदवार ढूंढ रहे हैं। मिल रही जानकारी के मुताबिक भाजपा ने तरारी विधानसभा सीट से पिछले चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे सुनील पांडेय के बेटे पर दांव लगाने की तैयारी कर रही  है।

बता दें कि बिहार में चार सीटों पर उपचुनाव होना है.  तरारी विधानसभा सीट से भाकपा माले के सुदामा प्रसाद अब संसद बनकर दिल्ली के सदन पहुंच चुके हैं। ऐसे वहीं, रामगढ़ विधानसभा सीट से आरजेडी से विधायक रह चुके और पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह बक्सर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए हैं। बिहार की चार विधानसभा सीटों तरारी, रामगढ़, बेलागंज और इमामगंज में उपचुनाव होना है, इन चारों सीट के विधायक सुदामा प्रसाद, सुधाकर सिंह, सुरेंद्र यादव और जीतन राम मांझी ने लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की। जिसके बाद उनलोगों ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। जिस वजह से उपचुनाव हो रहा है। राजनीति के जानकारों की मानें तो चारों सीटों पर एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला होगा।

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