बिहार विधानसभा चुनाव में अब तक दो चरण का मतदान हो चुका है और सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. हालांकि राज्य में असली लड़ाई एनडीए और महागठबंधन के बीच है. यही नहीं, एक दूसरे पर आरोप लगाने के सिलसिले में नेताओं की जुबान भी खूब फिसल रही है, तो सवाल पूछने का दौर भी जारी है. इस बीच बिहार के डिप्टी सीएम और भाजपा के दिग्गज नेता सुशील कुमार मोदी ने राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को भष्ट्राचार की देवी करार देते हुए पांच सवाल पूछे हैं.
आपको बता दें कि डिप्टी सीएम लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार पर हमेशा अकूत दौलत को लेकर आरोप लगाते रहे हैं. यही नहीं, इससे पहले भी सुशील मोदी अपने विरोधी लालू परिवार की बेनामी सम्पत्तियों को लेकर लगातार खुलासा करते रहे हैं. जबकि वह बिना कमाई के तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव के करोड़पति बनने पर सवाल उठाते रहे हैं. वहीं सुशील मोदी ने दस लाख नौकरी देने की तेजस्वी यादव की घोषणा पर कहा था कि अगर बिहार सरकार 10 लाख नये लोगों को नौकरियां देती है तो उसके खजाने पर 58,415.06 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ जायेगा.
इतना पैसा कहां से आएगा. नौकरी के नाम पर जमीन लिखवाने वाले लोगों में भ्रम फैला रहे हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी पटना में नौकरी देने के एवज में ली गई जमीन के 18,652 वर्ग फीट में बने 18 फ्लैट्स की मालकिन हैं.
क्या यह सच नहीं है कि इनमें से 10 फ्लैट्स रेलवे में नौकरी के एवज में लिखवाई गई 10,782 वर्ग फीट जमीन पर बने हैं.
आखिर राबड़ी देवी के 18 में से 8 फ्लैट्स को एक ही दिन 13 जून, 2017 को राजद के सन्देश से विधायक अरुण यादव व लालू प्रसाद यादव के दाहिना हाथ माने जाने वाले बालू माफिया सुभाष प्रसाद यादव ने क्यों खरीदा?
इन फ्लैट्स की खरीदगी के लिए 4.28 करोड़ का भुगतान तब दिखाया गया जब लालू परिवार की बेनामी सम्पत्तियों का लगातार खुलासा हो रहा था.
क्या इन बालू माफियाओं ने अवैध खनन के काले पैसे का इस्तेमाल भष्ट्राचार की देवी के फ्लैट्स खरीदने में नहीं किया?