भागलपुर, संवाददाता
भागलपुर का तिलकामांझी विश्वविद्यालय एक बार फिर से विवादों में घिर गया है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर जवाहरलाल पर पेंशन भुगतान में अनियमितता और भ्रष्टाचार का आरोप है। इसको लेकर सिंडिकेट के सदस्य रविवार को कुलपति आवास परिसर में धरने पर बैठ गए।
धरना पर बैठे सिंडिकेट सदस्य मोहम्मद मुश्फिक ने कुलपति पर गंभीर आरोप लगाए है। उन्होंने कहा कि बिना घूस दिए पेंशन का भुगतान नहीं किया जा रहा है। इतना ही नहीं सदस्यों ने बताया कि कुलपति अपने आवास को ही कार्यालय बना लिए हैं। अगर प्रशासनिक भवन में बैठते तो परीक्षा विभाग में जो धांधली हुई थी था, वह धांधली नहीं होती। सिंडिकेट के सदस्य सह एसोसिएट प्रोफेसर कृष्ण कुमार मंडल ने कहा कि प्राचार्य और शिक्षकों की सैलरी रोक दी गई है। हम मांग करते हैं कि उनकी सैलरी आज रिलीज कर दी जाए। सैलरी जब तक रिलीज नहीं होती है, हम यहां पर बैठे रहेंगे।
कुलपति चाहते हैं कि वो सभी शिक्षक को किसी ना किसी चीज में उलझा कर रखें और उनसे पैसा वसूले। ये केवल उगाही का तरीका है और कुछ भी नहीं है। यहां पर करप्शन है। अखबार में चारों तरफ गेस्ट टीचर की खबरें भरी हुई है। चांसलर का व्यवहार ठीक नहीं है। वो सिंडिकेट की बैठक नहीं बुला रहे हैं।
सदस्यों का आरोप है कि कुलपति ने अपनी जिम्मेदारी से हटकर ‘दलाली’ की भूमिका अपना ली है। प्रदर्शन के दौरान सदस्यों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें शीघ्र पूरी नहीं की गईं तो वे आंदोलन करेंगे। उनका कहना है कि यह केवल व्यक्तिगत समस्या नहीं है, बल्कि विश्वविद्यालय के तमाम सेवानिवृत्त कर्मचारियों के हक से जुड़ा गंभीर मामला है। अब तक विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से इस मामले में कोई औपचारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अगर उनकी मांगों की अनदेखी हुई तो आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है। प्रदर्शनकारियों में निर्लेश कुमार, मोहम्मद मुश्फिक आलम, के.के. मंडल और मुकेश कुमार जैसे वरिष्ठ सदस्य शामिल रहे।
वेतन नहीं मिलने से नाराज शिक्षकों ने दिया धरना, कुलपति पर लगाए गंभीर आरोप कुलपति आवास के सामने धरना पर बैठे सिंडिकेट के सदस्य
