खगड़िया, संवाददाता
शिक्षा विभाग के कर्मी अब सोशल मीडिया पर अपने मन की बात नहीं कह सकेंगे। शिक्षा विभाग ने इसको लेकर सख्त चेतावनी जारी की है। डीईओ अमरेंद्र कुमार गोंड ने बतलाया कि इसके लिए निदेशक प्राथमिक शिक्षा का पत्र आया है। इसमें कई सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। जारी पत्र में शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की सोशल मीडिया गतिविधियों पर सख्ती की है। विभाग ने पाया कि कई शिक्षक फेसबुक, यूट्यूब, एक्स, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म पर विभागीय नीतियों और कार्यप्रणाली के खिलाफ सार्वजनिक रूप से टिप्पणी और वीडियो पोस्ट कर रहे हैं। यह आचरण सेवा नियमों का उल्लंघन है। इससे विभाग की छवि को नुकसान पहुंच रहा है।
डीईओ ने कहा कि प्राथमिक शिक्षा निदेशक के पत्र के आलोक में इस पर रोक लगाने के लिए विभाग ने सभी प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों को निर्देश दिया है कि वे शिकायत या सुझाव के लिए केवल विभाग द्वारा जारी टोल-फ्री शिकायत निवारण नंबरों का ही इस्तेमाल करें। किसी भी हालत में सोशल मीडिया पर विभाग से जुड़ी नीतियों पर टिप्पणी, वीडियो अपलोड या चैनल संचालन न करें। आदेश का पालन नहीं करने पर बिहार सरकारी सेवक आचरण नियमावली, 1976 और अन्य संबंधित नियमों के तहत विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षकों का सोशल मीडिया से नाता सेवा शर्तों के खिलाफ
