चुनावी रणभूमि में उतरे तेजस्वी: ‘बिहार अधिकार यात्रा’ से गरमाई सियासत।

4 Min Read

पटना, बिहार — जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, राज्य की सियासी फिज़ा में हलचल तेज होती जा रही है। एक ओर जहां राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) अपने मजबूत गढ़ को बचाए रखने की कोशिश कर रहा है, वहीं दूसरी ओर महागठबंधन (India Alliance) भी जनता से सीधा संवाद करने में जुटा है। इसी कड़ी में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने ‘बिहार अधिकार यात्रा’ की शुरुआत की है।

🚩 यात्रा की शुरुआत और उद्देश्य

तेजस्वी यादव ने इस यात्रा की शुरुआत 16 सितंबर को जहानाबाद से की। यह यात्रा लगातार 5 दिनों तक चलेगी और 20 सितंबर को वैशाली में समाप्त होगी। इस दौरान यात्रा बिहार के 10 जिलों से होकर गुज़रेगी, जिनमें जहानाबाद, नालंदा, पटना, बेगूसराय, खगड़िया, मधेपुरा, सहरसा, सुपौल, समस्तीपुर, उजियारपुर एवं वैशाली जैसे रणनीतिक रूप से अहम इलाके शामिल हैं।

इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य जनता से सीधा संवाद करना और बिहार में बदलाव की ज़रूरत को रेखांकित करना है। तेजस्वी यादव रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, महंगाई और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को खुलकर उठा रहे हैं। उनका आरोप है कि मौजूदा सरकार ने सिर्फ वादे किए हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर विकास नज़र नहीं आता।


• 🔸 ‘बिहार अधिकार यात्रा’ की शुरुआत 16 सितंबर को जहानाबाद से हुई।
• 🔸 यात्रा 20 सितंबर को वैशाली में समाप्त होगी।
• 🔸 अगले 5 दिनों में 10 जिलों को कवर किया जाएगा।
• 🔸 नालंदा और राघोपुर जैसे महत्वपूर्ण विधानसभा क्षेत्र शामिल।
• 🔸 रोजगार, शिक्षा और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे तेजस्वी के एजेंडे में सबसे ऊपर।
• 🔸 महागठबंधन के अन्य बड़े नेता भी इस अभियान से जुड़ सकते हैं।
• 🔸 तेजस्वी ने कहा — “यह यात्रा बदलाव का बिगुल है, अब जनता तय करेगी अगला नेता कौन होगा।”

📣 सियासी पटल पर बढ़ता दबाव

तेजस्वी यादव की यह यात्रा सिर्फ प्रचार नहीं बल्कि उनकी सियासी रणनीति का अहम हिस्सा है। हर जिले में हो रही सभाओं में उमड़ी भीड़ यह इशारा देती है कि राज्य में बदलाव की मांग तेज़ हो रही है।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह यात्रा महागठबंधन को एकजुट करने और खासकर युवाओं व महिलाओं को जोड़ने की दिशा में बड़ा कदम माना जा है। वहीं, NDA भी अपनी चुनावी रणनीति को और आक्रामक बना रहा है ताकि महागठबंधन के बढ़ते प्रभाव को रोका जा सके।

🗳️ आगे की रणनीति क्या होगी?

माना जा रहा है कि इस यात्रा के अगले चरण में तेजस्वी यादव सीमांचल और मिथिलांचल जैसे क्षेत्रों तक भी पहुँच सकते हैं। इससे न सिर्फ RJD को मज़बूती मिलेगी, बल्कि बिहार की राजनीति के समीकरणों में भी बदलाव आ सकता है।

कुल मिलाकर, 16 से 20 सितंबर तक चल रही यह ‘बिहार अधिकार यात्रा’ बिहार की राजनीति में नई गर्माहट ला रही है। अब देखना यह होगा कि यह पहल जनता को कितना प्रभावित करती है और महागठबंधन को सत्ता के कितने करीब ले जाती है।

Share This Article