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Patna: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (Bihar Board) ने महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए मैट्रिक की परीक्षा में उन परीक्षार्थियों को भी मौका देने का निर्णय लिया है, जिनका किसी कारण से प्रवेशपत्र गुम हो गया है। बोर्ड के निर्देश के अनुसार यदि किसी परीक्षार्थी का प्रवेश पत्र गुम हो गया या घर पर छूट गया तो ऐसे परीक्षार्थियों की उपस्थिति पत्र में स्कैन फोटो से पहचान कर और रोल शीट से सत्यापित कर परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जा सकती है।

फोटो में त्रुटि होने पर आधार कार्ड से होगी पहचान

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा मैट्रिक के लिए जारी प्रवेशपत्र के फोटो में किसी तरह की त्रुटि होने पर आधार कार्ड से उसका मिलान किया जा सकता है। आधार कार्ड से फोटो मिलने पर ही केंद्राधीक्षक द्वारा परीक्षार्थी को परीक्षा में शामिल होने का मौका दिया जाएगा। आधार कार्ड के अलावा वोटर आइडी, पैनकार्ड, पासबुक, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस आदि का उपयोग भी पहचान बताने के लिए कर सकते हैं।

परीक्षा केंद्र पर केवल केंद्राधीक्षक करेंगे मोबाइल का उपयोग

बोर्ड ने निर्देश दिया है कि मैट्रिक के परीक्षा केंद्रों पर केवल केंद्राधीक्षक ही मोबाइल का उपयोग कर सकते हैं। परीक्षा केंद्रों पर किसी भी शिक्षक एवं छात्र को मोबाइल अपने पास रखने की अनुमति नहीं प्रदान की जाएगी। मोबाइल के अलावा ब्लूटूथ, इलेक्ट्रानिक गैजेट्स, व्हाइटनर आदि भी केंद्र के अंदर ले जाने की किसी को इजाजत नहीं होगी।

परीक्षार्थी के केंद्र पर संबंधी की तैनाती होने पर देनी होगी सूचना

अगर किसी परीक्षा केंद्र पर केंद्राधीक्षक एवं अन्य शिक्षक का पुत्र-पुत्री या कोई संबंधी परीक्षा दे रहा है तो इसकी सूचना परीक्षा समिति को देनी होगी। इस संबंध में समिति उचित निर्णय लेगी। वैसे बोर्ड यह मानकर चल रहा है कि जिन केंद्रों पर केंद्राधीक्षक एवं वीक्षक तैनात किए गए हैं, वहां पर कोई भी परीक्षार्थी उनका संबंधी नहीं है। अगर कोई संबंधी है तो इसकी सूचना बोर्ड को देनी होगी।

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