पटना: मंत्री अशोक चौधरी के द्वारा भूमिहार जाति को लेकर दिए गए एक बेतूके बयान को लेकर गर्मायी सियासत के बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने तीखा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि जदयू का चरित्र ही ऐसा रहा है। जदयू के नेताओं ऐसे बयानों से जातीय उन्माद फैलाते हैं। लोकतंत्र में अगर कोई वोट नहीं दिया तो आप उसका तिरस्कार नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अशोक चौधरी को भूमिहारों से वोट लेने की बातें करते हैं, जबकि जरूरत है कि अशोक चौधरी इस पर चर्चा करें कि भूमिहार जाति के कितने लोग बेरोजगार हैं। कैसे उनका आर्थिक उत्थान होगा?
तेजस्वी यादव ने कहा कि एक नेता से कुछ और बुलवाते हैं और दूसरे नेता से कुछ और। यही इनका चाल-चरित्र है। ये नकारात्मक लोग हैं, जो वोट नहीं दिया, उसका तिरस्कार करेंगे। उन्होंने कहा कि न सिर्फ भूमिहार बल्कि अशोक चौधरी और जदयू को इस पर चर्चा करनी चाहिए कि पिछड़ा वर्ग और दलित वर्ग के लोगों की आर्थिक समृद्धि कैसे होगी? उनकी आर्थिक स्थिति पर चर्चा होनी चाहिए। लेकिन किस जाति ने वोट दिया और नहीं दिया उस पर अशोक चौधरी चर्चा कर रहे हैं। ऐसे ही कुछ दिनों पहले सीतामढ़ी से जदयू सांसद देवेश चन्द्र ठाकुर ने यादव, मुसलमान और कुशवाहा को लेकर आपत्तिजनक बातें की थी। वहीं, पीएम मोदी पर भी निशाना साधते हुए तेजस्वी ने कहा कि वे कहते थे कि जबतक रेलवे की स्थिति ठीक नहीं कर लेता, चैन से नहीं बैठूंगा। ये कहते थे लेकिन इन्हें नहीं मालूम कि रेलवे का असली विकास लालू प्रसाद ने किया है।
हर बजट में उन्होंने रेल भाड़ा कम किया और गरीबों के लिए एसी ट्रेन चलायी, लेकिन पीएम मोदी ने हर ट्रेन का निजीकरण कर दिया। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद ने रेल मंत्री रहते हुए रेलवे को मुनाफा 90 हजार करोड़ रुपये दिलाया। मुनाफे के बावजूद भी कई प्रकार की ट्रेन, जो गरीब एसी में नहीं सफर कर पाते थे, उनके लिए गरीब रथ जैसी ट्रेन चलाया। लालू जी ने जो काम किया, वह अद्भुत है लेकिन आज कल पीएम मोदी ने रेलवे की ऐसी स्थिति कर दी है कि ट्रेन समय पर चले या ना चले, एक्सीडेंट जरूर हो जाता है। वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी को सत्ता लोलुप करार देते हुए उन्होंने कहा कि सत्ता में भोग लगाना ही जदयू का चरित्र है। समाज कैसे आगे बढ़े इस पर जदयू और उनके नेताओं का कोई ध्यान नहीं है।