एक गांव ऐसा भी है जहां आजादी के बाद से अब तक एक भी केस दर्ज नहीं हुआ है. ऐसा भी नहीं है कि गांव में झगड़ा-लड़ाई या विवाद नहीं होता. होता सब कुछ है लेकिन यहां के लोग समस्याओं को मिल बैठ कर सुलझा लेते हैं.
थरुहट क्षेत्र का यह गांव बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के नरकटियागंज अनुमंडल के गौनाहा प्रखंड के सहोदरा थाने का कटराव है. गांधी आज भी यहां के लोगों के लिए पूजनीय हैं. उनके आदर्शों पर चलते हैं. अहिंसा यहां के लोगों का सबसे बड़ा हथियार है. गांधी के चंपारण आगमन व सत्याग्रह का यहां आज भी प्रभाव देखने को मिलता है.
सहोदरा थानाध्यक्ष अशोक साह भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि कटराव गांव का एक भी केस थाने में दर्ज नहीं है. जमुनिया पंचायत के मुखिया सुनील गढ़वाल कहते हैं कि गांव में थारूओं की आबादी अधिक है. ये लोग मेरे (मुखिया) या सरपंच के पास किसी भी विवाद को लेकर नहीं जाते हैं. खुद ही आपस में मिल बैठकर विवाद या समस्या का निपटारा कर लेते हैं. इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि महिलाओं से संबंधित मामले महिलाएं ही निपटाती हैं.