बिहार विधानासभा चुनाव के बाद चर्चा राज्य के कुछ युवा कुंवारे राजनीतिज्ञों की भी होनी चाहिए। लिस्ट में राष्ट्रीय जनता दल नेता व बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता कन्हैया कुमार शामिल हैं। उनके अलावा भारतीय जनता पार्टी की विधायक व अंतरराष्ट्रीय शूटर श्रेयसी सिंहतथा राजनीतिक दल ‘प्लुरल्स’ की सुप्रीमो पुष्पम प्रिया की चर्चा बिना यह सूची अधूरी रहेगी।
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं। महागठबंधन की सरकार में उनके उपमुख्यमंत्री रहते शादी के प्रस्तावों की लाइन लग गई थी। 31 साल के तेजस्वी ने क्रिकेटर से राजनीतिज्ञ तक का सफर तय किया है। युवा होने के कारण उनके सामने लंबा रास्ता खुला हुआ है, लेकिन शादी फिलहाल उनकी प्राथमिकता में नहीं है। एक बार उन्होंने कहा था कि वे चिराग पासवान एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत की शादी के बाद ही इस दिशा में सोचेंगे।
एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान 38 साल के हो चुके हैं। चिराग ने पहले बॉलीवुड में किस्मत आजमाया, फिर राजनीति में आकर पिता राम विलास पासवान की विरासत संभाल ली। कुछ साल पहले उनकी मां ने बेटे की शादी की बात कही थी, लेकिन पिता के निधन के बाद फिलहाल यह होता नहीं दिख रहा है। विधानसभा चुनाव में हार के बाद पार्टी को नए सिरे से दुरुस्त करना उनकी प्राथमिकता दिख रही है।
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ की राजनीति से मुख्यधारा की राजनीति में आए कन्हैया कुमार वामपंथी राजनीति के स्थापित चेहरा बन चुके हैं। सीपीआइ नेता कन्हैया ने बीते लोकसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी व अब केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को टक्कर दी थी। बिहार के बेगूसराय के रहने वाले कन्हैया भी युवा कुंवारे राजनेताओं की लिस्ट के प्रमुख चेहरे हैं।
दिग्गज राजनेता व पूर्व मंत्री रहे दिग्विजय सिंह की बेटी तथा अंतरराष्ट्रीय ख्याति की निशानेबाज श्रेयसी सिंह जमुई से बीजेपी की विधायक हैं। दिग्विजय सिंह बिहार के बांका से सांसद रहे। श्रेयसी की मां पुतुल सिंह भी सांसद रहीं हैं। 29 साल की श्रेयसी ने अभी तक शादी नहीं की है। फिलहाल उनकी प्राथमिकता ओलंपिक में गोल्ड मेडल तथा बिहार की जनता की सेवा है।
अपनी राजनीतिक पार्टी ‘प्लुरल्स’ बनाकर खुद को सीधे मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करने वाली पुष्पम प्रिया चौधरी ने विधानसभा चुनाव में तो कोई कमाल नहीं दिखाया, लेकिन व्यवस्था के खिलाफ एक चर्चित चेहरा जरूर बन गईं। उनके पिता विनोद चौधरी जनता दल यूनाइटेड के विधान पार्षद रहे हैं। लंदन से उच्च शिक्षा प्राप्त पुष्पम भी अविवाहित हैं।