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कोरोना काल के बीच पटना प्रशासन ने दुर्गा पूजा को लेकर बड़ा फैसला लिया है. पटना प्रशासन ने यह फैसला लिया है कि इस बार मां दुर्गा घर घर तो आएंगी लेकिन पंडालों में नहीं विराजेंगी.

अब दुर्गापूजा का मेला भी संक्रमण के खौफ का शिकार होने जा रहा है. केंद्र सरकार की गाइडलाइन का हवाला देते हुए जिला प्रशासन ने दुर्गापूजा में पंडाल बनाने, प्रतिमा स्थापित करने और मेला लगाने से मना कर दिया है.

जिला जनसंपर्क पदाधिकारी प्रमोद कुमार ने बताया कि केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक किसी आयोजन में 100 से अधिक लोग इकट्ठा नहीं हो सकते. मेला लगा और पंडाल बनाए गए तो इसका पालन कराना मुश्किल हो जाएगा. इसे देखते हुए जिलाधिकारी कुमार रवि ने मेला और पंडाल बनाने के लिए इजाजत नहीं दी है.

दुर्गापूजा के आसपास ही जिले में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया होनी है. प्रथम चरण के मतदान की तिथि विजयादशमी के बाद है, लेकिन इससे पहले प्रशासन के पास तमाम प्रक्रियाओं को पूरा करना होगा. दशहरा मेला में विधि-व्यवस्था प्रशासन के लिए बड़ी जिम्मेदारी रहती है. इस बार मेला नहीं लगने से प्रशासन अपना पूरा ध्यान चुनाव पर लगा सकेगा. पटना जिले के पांच विधानसभा क्षेत्रों में प्रथम चरण में चुनाव होना है. मोकामा, बाढ़, मसौढ़ी, पालीगंज और बिक्रम विधानसभा क्षेत्र में पहले चरण में मतदान होगा. पटना शहरी क्षेत्र के विधानसभा क्षेत्रों में द्वितीय चरण में मतदान होना है.

पटना में दुर्गापूजा काफी धूमधाम से होती रही है. शहर में बनने वाले भव्य पूजा पंडाल और आकर्षक देवी प्रतिमाएं पूरे देश में चर्चा का विषय बनती रही हैं. यहां कई पूजा समितियां 50 साल से अधिक पुरानी हैं. एक-एक समिति पूजा में 10 से 15 लाख रुपये तक खर्च कर देती है.

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