पटना डेस्कः उपेन्द्र कुशवाहा और सीएम नीतीश के बीच विवाद चरम पर पहुंच गया है. जेडीयू की मजबूती के मुद्दे पर कुशवाहा ने नेतृत्व को घेरा है. उपेन्द्र कुशवाहा के प्रहार से पूरा जेडीयू का कुनबा परेशान है. नीतीश कुमार व ललन सिंह को खुली चुनौती मिल रही. इधर, कुशवाहा ने पार्टी की मजबूती को लेकर जेडीयू व रालोसपा के पुराने साथियों की मीटिंग बुला दी है. इसके बाद सीएम नीतीश ने उपेन्द्र कुशवाहा पर बड़ा हमला बोला है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने तो यहां तक कह दिया कि वे अब संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं सिर्फ एमएलसी हैं. जिस महात्मा फुले समता परिषद से जेडीयू को आपत्ति है उसी संगठन के बूत जेडीयू ने नीतीश कुमार का पूरे बिहार में आभार जताया था. कहा जा सकता है कि जेडीयू अपने नेता नीतीश कुमार का अपने दम पर पूरे राज्य में आभार भी नहीं जता सकती. तभी तो सामाजिक संगठन से मदद लेने का पत्र जारी किया गया था.
बात कई साल पुरानी नहीं बल्कि पिछले साल की है. जब सीएम नीतीश ने बिहार में जातिगत जनगणना कराने का निर्णय लिया तो मुख्यमंत्री का चेहरा चमकाने की रणनीति बनी. यह मैसेज देने की कोशिश की गई कि केंद्र सरकार के न चाहने के बाद भी पिछड़े-अति पिछड़े समाज के हित में जागिगत गणना का निर्णय लिया है. लिहाजा सभी जिलों में सीएम नीतीश का आभार जताने का प्रोग्राम बना. इस प्रोग्राम को सफल बनाने के लिए सामाजिक संगठन महात्मा फूले समता परिषद की मदद ली गई. बजाप्ता जेडीयू कार्यालय से पत्र जारी कर यह बताया गया कि जेडीयू के नेता-कार्यकर्ता महात्मा फुले समता परिषद से समन्वय स्थापित कर सीएम नीतीश का आभार जताएं। सीएम नीतीश के ड्रीम अभियान पर आभार प्रकट करने के लिए सत्ताधारी जेडीयू ने महात्मा फुले समता परिषद से मदद ली थी. परिषद की मदद से जेडीयू के नेता व कार्यकर्ता 25 जून को पूरे बिहार में आभार प्रकट किये थे.
बिहार प्रदेश जनता दल यूनाइटेड के महासचिव मृत्युंजय कुमार सिंह की तरफ से पत्र जारी किया गया था. पार्टी की तरफ से जारी पत्र में कहा गया था कि राज्य सरकार ने जातीय गणना कराने का ऐतिहासिक फैसला लिया है. इससे राज्य की आम आवाम में उत्साह है. जनता दल यूनाइटेड ने निर्णय लिया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस ऐतिहासिक फैसले के लिए उनके प्रति आभार प्रकट किया जाए. 25 जून को राज्य के सभी जिला मुख्यालयों एवं प्रमुख शहरों में जेडीयू के जिला अध्यक्ष महात्मा फुले समता परिषद से समन्वय स्थापित कर कार्यक्रम तय करेंगे. साथ ही आभार यात्रा निकालेंगे. जिला अध्यक्ष समन्वय स्थापित करेंगे एवं पार्टी के नेता अपने-अपने जिलों एवं शहरों में शिरकत करेंगे . प्रदेश महासचिव ने अपने पत्र में उल्लेख किया था कि प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा के निर्देश पर पार्टी के हर स्तर के पदाधिकारी, सभी प्रकोष्ठ एवं महात्मा फूले समता परिषद के सभी कार्यकर्ता उक्त कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जोर-शोर से लगें.