Upendra Kushwaha RLM Controversy : रालोमो में विधायक ने खोला मोर्चा, परिवारवाद पर उठे तीखे सवाल
राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा इन दिनों अपनी ही पार्टी में उठ रहे विद्रोही सुरों के कारण चर्चा में हैं। पार्टी के बाजपट्टी से विधायक रामेश्वर महतो ने परिवारवादी राजनीति को लेकर बड़ा आरोप लगाते हुए स्पष्ट संकेत दिया है कि संगठन के भीतर असंतोष गंभीर स्तर पर पहुंच चुका है।
- Upendra Kushwaha RLM Controversy : रालोमो में विधायक ने खोला मोर्चा, परिवारवाद पर उठे तीखे सवाल
- Upendra Kushwaha RLM Controversy : परिवारवाद पर क्यों उठ रहा है बवाल?
- Upendra Kushwaha RLM Controversy : पार्टी के भीतर क्यों मचा विद्रोह?
- Upendra Kushwaha RLM Controversy : कुशवाहा ने क्या कहा अपनी सफाई में?
- Upendra Kushwaha RLM Controversy : बाजपट्टी में महतो की जीत और बढ़ी राजनीतिक ताकत
उन्होंने सोशल मीडिया पर तंज कसते हुए लिखा—
“राजनीति में सफलता केवल भाषणों से नहीं, बल्कि सच्ची नीयत और दृढ़ नीति से मिलती है। जब नेतृत्व की नीयत धुंधली हो जाए और नीतियाँ जनहित से अधिक स्वार्थ की दिशा में मुड़ने लगें, तब जनता को ज्यादा दिनों तक भ्रमित नहीं रखा जा सकता। आज का नागरिक जागरूक है—वह हर कदम, हर निर्णय और हर इरादे को बारीकी से परखता है।”
महतो का यह बयान साफ इशारा करता है कि पार्टी के अंदर लंबे समय से उबल रहा विरोध अब खुलकर सामने आ गया है।
Upendra Kushwaha RLM Controversy : परिवारवाद पर क्यों उठ रहा है बवाल?
पिछले कुछ समय से उपेंद्र कुशवाहा आलोचनाओं के घेरे में हैं। पार्टी के अंदर यह नाराज़गी खासकर इन तीन बड़े फैसलों को लेकर बढ़ी है—
Upendra Kushwaha RLM Controversy : तीन फैसले जिनसे बढ़ा विवाद
1. खुद राज्यसभा सांसद बने रहना
2. पत्नी स्नेहलता को विधानसभा चुनाव में टिकट देकर विधायक बनवाना
3. बेटे दीपक प्रकाश को बिना किसी सदन का सदस्य बने ही मंत्री बनाना
इन कदमों ने पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं में यह संदेश दिया कि संगठन में परिवारवाद हावी हो चुका है और आम कार्यकर्ताओं की जगह सीमित होती जा रही है।
आलोचकों का कहना है कि RLM में अब निर्णय लेने की प्रक्रिया केवल परिवारकेंद्रित होती जा रही है, जिससे पार्टी की जनाधार राजनीति कमजोर हो सकती है।
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Upendra Kushwaha RLM Controversy : पार्टी के भीतर क्यों मचा विद्रोह?

RLM ने विधानसभा चुनाव में 6 सीटों पर चुनाव लड़ा और 4 सीटें जीतीं। इसी प्रदर्शन की वजह से एनडीए सरकार में पार्टी के लिए मंत्री पद सुनिश्चित हुआ। लेकिन मंत्री पद बेटे दीपक प्रकाश को दिए जाने के बाद ही पार्टी के अंदर विद्रोह तेज हो गया।
कई वरिष्ठ नेताओं ने दबी जुबान में कहा कि अब पार्टी में आम कार्यकर्ताओं के लिए जगह कम हो गई है।
वहीं, विधायक रामेश्वर महतो ने अप्रत्यक्ष रूप से कुशवाहा को घेरते हुए साफ कहा कि नेतृत्व की नीयत और नीति दोनों में गड़बड़ी दिखाई दे रही है।
Upendra Kushwaha RLM Controversy : कुशवाहा ने क्या कहा अपनी सफाई में?
कुशवाहा पर आरोप लगे तो उन्होंने कहा—
• उनका बेटा योग्य है, इसलिए उसे मंत्री बनाया गया
• यह फैसला पार्टी को बचाए रखने के लिए लिया गया
• परिवारवाद के आरोप अनुचित हैं
उन्होंने यह भी दोहराया कि प्रशासनिक सुधार और नीति-निर्धारण में बदलाव की जरूरत है, ताकि राज्य के लोगों को बेहतर प्रतिनिधित्व मिल सके।
इसके बावजूद पार्टी के भीतर बढ़ती नाराज़गी शांत नहीं हुई है।
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Upendra Kushwaha RLM Controversy : बाजपट्टी में महतो की जीत और बढ़ी राजनीतिक ताकत
विधायक रामेश्वर महतो सीतामढ़ी जिले की नानपुर-बाजपट्टी सीट से जीते हैं।
चुनाव आयोग के अनुसार:
• RLM के महतो को मिले — 99,144 वोट
• निकटतम प्रतिद्वंद्वी (राजद के मुकेश यादव) को — 95,749 वोट
• अंतर — लगभग 4400 वोट
इस जीत ने महतो की राजनीतिक पकड़ मजबूत की है और उनका बयान पार्टी में नए समीकरण पैदा कर रहा है।
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