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Desk: बिहार में विधायकों और मंत्रियों के लिए बंगला स्टेटस सिंबल माना जाता है. यही कारण है कि कई पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक बार-बार सरकार के आदेश के बावजूद बंगला (Bungalow) खाली नहीं कर रहे हैं. हालांकि अब बिहार सरकार (Bihar Government) का भवन निर्माण विभाग वैसे नेताओं पर कार्रवाई के मूड में है जिन्होंने नोटिस देने के बावजूद बंगले पर कब्जा बनाए रखा है. इसकी शुरुआत भवन निर्माण विभाग ने बिहार सरकार के पूर्व मंत्री जय कुमार सिंह से कर दी है. हालांकि जबरन बंगला खाली कराने के भवन निर्माण विभाग के नोटिस को देखते हुए उन्‍होंने बंगला खाली करना शुरू कर दिया है.

बहरहाल, बिहार के कई पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक ऐसे हैं जो अभी भी सरकारी बंगले में जमे हुए हैं. जबकि विधायक होने के नाते विधानसभा के द्वारा ऐसे सभी लोगों को दूसरा बंगला एलॉट किया जा रहा है जो पूर्व में मंत्री थे और अब विधायक हैं. खास बात यह है कि ऐसे लोगों में सत्ता पक्ष के विधायकों की संख्या ज्यादा है. वैसे अब ऐसे विधायक जो मंत्री नही हैं और जिन्होंने अभी तक बंगला खाली नहीं किया है उन पर भवन निर्माण विभाग कड़ाई से पेश आने की तैयारी में हैं. बंगला खाली कराने के साथ-साथ उनसे जुर्माना वसूलने की भी तैयारी चल रही है.

जेडीयू और भाजपा के नेताओं ने डाला डेरा
बिहार में सबसे ज्यादा सत्ताधारी दल के नेताओं के द्वारा ही बंगले पर अवैध कब्जा है. जदयू और बीजेपी के कई बड़े नेताओं ने बंगले पर किसी ने किसी तरीके से अपना कब्जा जमाए रखा है. इसमें बीजेपी विधायक प्रेम कुमार, बीजेपी विधायक राणा रणधीर सिंह, जदयू विधायक महेश्वर हजारे , जदयू के पूर्व विधायक जय कुमार सिंह, जदयू के पूर्व एमएलसी रणवीर नंदन, जदयू के पूर्व एमएलसी संजय गांधी, जदयू के पूर्व एमएलसी ललन सराफ समेत कई ऐसे बड़े चेहरें हैं जिन्होंने बंगले पर अपना कब्जा विधायकी जाने के बाबजूद नहीं छोड़ा है. ऐसे में मुश्किल यह है कि नीतीश सरकार अपनों पर ही करवाई करे तो कैसे करे, लेकिन बिहार भवन निर्माण विभाग के कर्रावाई के बाद हलचल होना तय है.

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