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औरंगाबाद: औरंगाबाद के रफीगंज प्रखंड की 4 पंचायतों के 10 गांवों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है। किसान मोटर पंप और बारिश के सहारे हैं। इन क्षेत्रों तक पानी पहुंचाने के लिए कोना गांव की दक्षिणी सीमा पर एक बांध का निर्माण कराया गया था जो 5 साल पहले से क्षतिग्रस्त है। इस वजह से मदार नदी के पानी का ठहराव नहीं हो पा रहा था और सारा पानी बह जाया करता था।

इसका नतीजा यह है कि अभी करीब एक हजार एकड़ से ज्यादा भू-भाग में सिंचाई की बहुत ज्यादा परेशानी है। हालांकि ग्रामीणों को अब राहत मिल सकती है। मिली जानकारी के अनुसार 100 साल पुराने बांध को फिर से बनाया जाएगा। कार्य शुरू होने का अनुमानित समय नवम्बर हो सकता है।
पांच साल पहले बांध से करीब 14 किमी तक पैन बनाया गया था। इतनी दूर तक सिंचाई के लिए व्यवस्था की गई थी जो बांध के क्षतिग्रस्त हो जाने के बाद ध्वस्त हो गयी। बांध का निर्माण आजादी के करीब 100 साल पहले टिकारी के राजा गोपाल शरण सिंह ने कराया था।

ग्रामीण कृष्णा चौधरी ने कहा कि पानी का ठहराव नहीं है। पानी बह जा रहा है। जिससे हमें कोई फायदा नहीं हो रहा। ग्रामीण अजय सिंह ने कहा कि पांच-छह साल से समस्या बनी हुई है। ग्रामीण रौशन ने कहा कि बांध टूटने के कारण पानी हमें नहीं मिल पा रहा है।
औरंगाबाद के पूर्व सांसद सुशील कुमार सिंह ने बीते दिन निरीक्षण के दौरान संबंधित पदाधिकारी से बातचीत की और कहा कि जल्द ही बांध का पुनर्निर्माण कराया जाएगा या इसकी मरम्मत की जाएगी‌।

इस मौके पर ग्रामीण मंडल अध्यक्ष सुबोध सिंह, मंत्री विमलेश पासवान, भाजपा नगर अध्यक्ष संतोष कुमार साव, बबलू सिंह, शशि भुषण मिश्रा, डॉ. गोपाल प्रसाद, संजीत कुमार पासवान, बलिराम सिंह, अवध बिहारी सिंह, भानु गुप्ता, सुधीर कुमार सिंह, राम कुमार सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
औरंगाबाद जिले के चार पंचायतों में कजपा पंचायत का कजपा गांव, बलिगांव पंचायत का कोना और टिकारी गांव, कोटवारा पंचायत गोठानी, बंचर खुर्द और बगड़ा बंचर तीन गांव तथा भादवा पंचायत के भादवा, भादवाडीह, नरहर बिगहा तथा आशा बिगहा चार गांव बांध टूटने से पूरी तरह प्रभावित रहे हैं।

इस सिलसिले में रफीगंज के ग्रामीण भाजपा मंडल अध्यक्ष सुबोध कुमार सिंह ने बताया कि औरंगाबाद के पूर्व में पूर्व सांसद सुशील कुमार सिंह ने लघु सिंचाई और जल संसाधन विभाग को पत्राचार कर बांध के महत्व और उपयोगिता के संबंध में ध्यान आकृष्ट कराया था।
उसके बाद विभाग के अधिकारियों ने कई बार दौरा किया, लेकिन बांध के संबंध में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जा सका था। दो माह पहले लघु सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा से जब आग्रह किया गया उसके बाद मंत्री के निर्देश पर निविदा कार्य किया जा रहा है।

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