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रेरा ने आम ग्राहकों के ठगे जाने से रोकने के लिए बड़ी कार्रवाई की है. सगुना मोड़ के पास रूपसपुर में क्षेत्र में एक अवैध तरीके से बनाये जाने वाले अपार्टमेंट निर्माता पल्लवी राज कंस्ट्रक्शन को स्वत: संज्ञान लेकर नोटिस जारी किया है.
रेरा का साफ़ तौर पर यह कहना है कि जिस परियोजना का पंजीकरण ही नहीं हुआ है, उसका विज्ञापन नहीं दिया जा सकता है जबकि पल्लवी राज कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने ऐसा किया है. विज्ञापन में बिहार की डिप्टी सीएम रेणु देवी और राज्य के तीन मंत्री, स्थानीय विधायक और सांसद समेत तमाम बड़े नेताओं की चर्चा की गई है.

इतना ही नहीं, अखबरों में विज्ञापन जारी कर सरकार के कई मंत्रियों को भी आमंत्रित किया है. रेरा के सदस्य आरबी सिन्हा ने बताया कि गोवा सिटी नामक प्रोजेक्ट के बारे में भ्रामक विज्ञापन देने के लिए एक सुवाे मोटाे नोटिस पल्लवी राज कंस्ट्रक्शन को जारी किया गया है. बिना नोटिस के पंजीकरण नंबर दिये जाने के मामले में प्रावधान के मुताबिक तीन साल की जेल और पूरी संपत्ति के 10 फीसदी जुर्माना लग सकता है.

रेरा के सदस्य आरबी सिन्हा ने कहा कि रेरा में किसी कंपनी को मान्यता देने का प्रावधान नहीं है. प्राधिकरण ऐसी परियोजनाओं का पंजीकरण करता है, जो सभी मापदंडों पर खरा हो, जहां तक गोवा सिटी परियोजना का प्रश्न है, तो प्राधिकरण ने इसका पंजीकरण आज तक नहीं किया है. ऐसा प्रतीत होता है कि लोगों को ठगने के लिए परियोजना के विज्ञापन में आवेदन संख्या डाल दिया गया है. रेरा में सिर्फ आवेदन करने से पंजीकरण नहीं होता, उसकी बाकायदा पूरी जांच की जाती है.

गौरतलब को कि पल्लवी राज कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की ओर से 25 फरवरी को बिहार के एक बड़े अख़बार में पहले पन्ने पर विज्ञापन को प्रकाशित कराया गया था, जिसमें राजधानी पटना के सगुना मोड़ पर किसी ‘गोवासिटी’ प्रोजेक्ट के बारे में बताया गया था. इस विज्ञापन में 27 फरवरी को भूमि पूजन का जिक्र किया गया था. साथ ही बुकिंग कराने वाले को सोने का सिक्का उपहार में देने का लालच दिया गया था.

इस विज्ञापन में बिहार की उपमुख्यमंत्री रेणु देवी, पथनिर्माण मंत्री नितिन नवीन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित सिंह, समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी, पाटलिपुत्र सीट से बीजेपी सांसद रामकृपाल यादव, दानापुर से आरजेडी विधायक रीतलाल यादव आदि का नाम दिया गया था. पुलिस को आशंका है कि लोगों के बीच अपने प्रोजेक्ट की पैठ बनाने के लिए कंपनी ने मंत्रियों और नेताओं के नाम का चालाकी से इस्तेमाल किया है. इस मामले में भी कंपनी पर कार्रवाई की जा सकती है.

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