बाबा डोम हेम्ब्रम
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किशनगंज: किशनगंज जिले के कोचाधामन प्रखंड के दूर दराज इलाके में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध नहीं है। अस्पताल नहीं है और बीमारी की स्थिति में वहां से प्रखंड मुख्यालय जाना भी गरीब ग्रामीणों के लिए आसान नहीं है। ग्रामीणों की इस कठिनाई को देख बाबा डोम हेम्ब्रम ने सूबे के राज्यपाल के नाम अपनी 15 डिस्मिल जमीन लिख दी है । यह रजिस्ट्री उन्होंने 30 अगस्त को की।

सेवा की भावना हो तो लोग किसी भी परिस्थिति में सेवा ही करते हैं। सेवा भाव रखने वाले लोग अपना सामर्थ्य नहीं देखते हैं। उनका मात्र उद्देश्य होता है कि समाज का भला कैसे हो। बिहार के किशनगंज जिले के कोचाधामन प्रखंड क्षेत्र काशीबाड़ी निवासी बाबा डोम हेब्रम उसी परम्परा में आते हैं। आदिवासी समाज में वह लघु किसान है। बाबा हेंब्रम आदिवासी समाज के राम पंथ से भी जुड़े हैं। उनके पास करीब दो एकड़ भूमि है जिससे उनका गुजर-बसर होता है।

डोम हेब्रम वनवासी कल्याण आश्रम के सक्रिय कार्यकर्ता भी हैं और समाज सेवा में तत्पर रहते हैं। उन्होंने अपनी निजी जमीन में से 15 डिसमिल जमीन बिहार सरकार के महामहिम राज्यपाल के नाम निबंधित किया है। उनकी इच्छा है कि दान में दी भूमि पर एक सरकारी अस्पताल बनना चाहिए जिससे समाज का भला होगा। उनके गांव में अस्पताल की आवश्यकता को देखते हुए ही अपनी निजी जमीन में से 15 डिस्मिल जमीन बिहार सरकार के राज्यपाल के नाम शुक्रवार दिनांक 30अगस्त 2024 को जिला मुख्यालय के रजिस्ट्रार के यहां रजिस्ट्री करा दिया है।

जिला मुख्यालय के कपड़ा व्यवसायी सह वनवासी कल्याण आश्रम से जुड़े कार्यकर्ता कृष्ण कुमार वैद्य के यहां मिलने पहुंचने पर एक मुलाकात में उक्त बातों की जानकारी बाबा हेम्रम ने दी। आज ही उन्होंने राज्यपाल के नाम 15 डिस्मिल भूमि रजिस्ट्री करा कर लौटने की बात बतायी है।

इस बात की जानकारी जैसे ही सोशल मिडिया पर वायरल हुयी तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं विचार मंच के सभी प्रमुख लोगों इस नेक कार्य के लिए उन्हें बधाई दी।

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