पत्रकारों के कल्याण के लिए वर्किंग जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया का बड़ा कदम
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच पत्रकारों के अधिकारों और कल्याण को लेकर वर्किंग जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया (WJI) ने एक ऐतिहासिक पहल की है। संगठन की बिहार इकाई ने विभिन्न राजनीतिक दलों को एक 8 सूत्री ज्ञापन (Memorandum) सौंपा है, जिसमें पत्रकारों की सुरक्षा, स्वास्थ्य, और भविष्य को लेकर महत्वपूर्ण मांगें रखी गई हैं।
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यह ज्ञापन भारतीय जनता पार्टी (BJP), राष्ट्रीय जनता दल (RJD), जनता दल यूनाइटेड (JDU), कांग्रेस (INC) और जनसुराज पार्टी को सौंपा गया। संगठन का उद्देश्य यह है कि आगामी चुनाव में राजनीतिक दल अपने घोषणा पत्र (Manifesto) में पत्रकारों के कल्याण से जुड़ी नीतियों को शामिल करें।

प्रतिनिधिमंडल ने दिया ज्ञापन – मिला सकारात्मक आश्वासन
ज्ञापन सौंपने वाले प्रतिनिधि मंडल में वरिष्ठ पत्रकार एवं संगठन के अध्यक्ष भोलानाथ, साथ ही प्रवीण बागी, केके लाल, रविरंजन, नीलकमल, संजीव कुमार, नागेंद्र कुमार सिंह और एनकेडी वर्मा शामिल थे।
सभी नेताओं ने दलों के कार्यालयों में जाकर पत्रकारों की मांगें रखीं।

राजनीतिक दलों ने भी सकारात्मक भावनाओं (Positive Sentiment) के साथ प्रतिक्रिया दी।
विशेष रूप से जनसुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर और राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने पत्रकारों के प्रस्ताव को गंभीरता से पढ़ा और भरोसा दिया कि उनकी पार्टी इन मांगों को अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करेगी।
पत्रकारों के लिए 8 सूत्री मांगें
वर्किंग जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया की ओर से दिए गए ज्ञापन में पत्रकारों के लिए निम्नलिखित 8 प्रमुख मांगें रखी गईं —
1️⃣ अस्पतालों में आजीवन कैशलेस इलाज की सुविधा – सभी पत्रकारों को मुफ्त स्वास्थ्य कार्ड दिया जाए जिससे वे किसी भी अस्पताल में कैशलेस ट्रीटमेंट पा सकें।
2️⃣ पेंशन राशि में बढ़ोतरी – वर्तमान में 15,000 रुपये की पत्रकार पेंशन को बढ़ाकर कम से कम 25,000 रुपये प्रतिमाह किया जाए।
3️⃣ पेंशन योजना में सुधार – नियमों को सरल और पारदर्शी बनाया जाए ताकि अधिकतम पत्रकारों को इसका लाभ मिल सके।
4️⃣ आवास या भूखंड की व्यवस्था – पत्रकारों को सरकारी योजना के तहत घर या भूखंड उपलब्ध कराया जाए।
5️⃣ असामयिक मृत्यु पर सहायता राशि – किसी पत्रकार की मृत्यु की स्थिति में उनके परिजनों को एकमुश्त आर्थिक सहायता प्रदान की जाए।
6️⃣ पटना में प्रेस क्लब की स्थापना – राजधानी में शीघ्र प्रेस क्लब भवन का निर्माण कराया जाए।
7️⃣ पत्रकारिता विश्वविद्यालय की स्थापना – मध्य प्रदेश की तर्ज पर बिहार में भी पत्रकारिता विश्वविद्यालय की स्थापना की जाए ताकि नए पत्रकारों को उच्चस्तरीय प्रशिक्षण मिल सके।
8️⃣ महिला पत्रकारों को विशेष अवकाश – सरकारी कर्मचारियों की तरह हर माह दो दिन का विशेष अवकाश महिला पत्रकारों को दिया जाए।
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पत्रकारों की आवाज़ को मिला राजनीतिक समर्थन
यह पहल न सिर्फ पत्रकारों के अधिकारों की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि इससे यह उम्मीद भी बढ़ी है कि आने वाले दिनों में पत्रकारों का सम्मान और सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
राजनीतिक दलों द्वारा मिले सकारात्मक आश्वासन ने पत्रकार समाज में नई उम्मीद जगा दी है।
वर्किंग जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया की यह पहल निस्संदेह पत्रकारिता जगत के लिए प्रेरक और ऐतिहासिक क्षण है।
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