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Desk: सरकार की तरफ से खर्च किए गए 26 हजार करोड़ों रुपए का हिसाब नहीं मिल पा रहा है. अलग-अलग विभागों की तरफ से खर्च की गई 26 हजार करोड़ रुपए की राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं मिलने पर पटना हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई है. पटना हाई कोर्ट ने इसे गंभीर मानते हुए महालेखाकार और राज्य सरकार को एक साथ तलब किया है.

आपको बता दें कि सरकारी खजाने से खर्च की गई राशि के दुरुपयोग की आशंका जताते हुए इस मामले को लेकर एक ही याचिका पटना हाई कोर्ट में दाखिल की गई थी. याचिकाकर्ता रंजीत पंडित ने आशंका जताई कि सरकारी राशि का बंदरबांट हुआ है. मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की पीठ ने खुद इसकी सुनवाई की. मुख्य न्यायाधीश ने इस मामले में महालेखाकार और राज्य सरकार से जवाब तलब किया है याचिकाकर्ता के वकील दीनू कुमार ने हाईकोर्ट को बताया कि साल 2003 से लेकर अब तक कई विभागों ने उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं कराया यह विभाग केवल खर्च करते हैं लेकिन खर्च किस तरह और कहां की है इसका हिसाब नहीं दिया जाता है.

पटना हाईकोर्ट ने इसे गंभीर मानते हुए अब जवाब तलब किया है. याचिकाकर्ता की तरफ से कोर्ट में कहा गया है कि 18 महीने के किसी भी वैसे संबंधित प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं कराया गया है .लंबी अवधि बीतने के बाद भी अब तक के अगर उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं किया गया तो यह वाकई गंभीर आशंका को पैदा करता है.

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