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Desk: परिवहन विभाग ने करोड़ों का टैक्स रखने वाले राज्य के पौने चार लाख वाहन मालिकों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। विभाग की ओर से इन सभी टैक्स डिफॉल्टरों को नोटिस दी जाएगी। तय समय में नोटिस का जवाब नहीं देने वालों पर विभाग मुकदमा भी करेगा।

पिछले दिनों हुई समीक्षा बैठक में पाया गया कि राज्य में निबंधित वाहनों की संख्या 89 लाख 38 हजार 621 है। ये वैसे वाहन हैं, जो केंद्र सरकार के पोर्टल पर अपलोड हैं। इन निबंधित वाहनों में से तीन लाख 74 हजार 788 के मालिकों ने टैक्स जमा नहीं किए हैं। टैक्स जमा नहीं करने के कारण इन वाहनों को टैक्स डिफॉल्टर की श्रेणी में रखा गया है। इन वाहन मालिकों के यहां टैक्स के रूप में करोड़ों रुपए बकाया है। बकाएदारों में व्यावसायिक और निजी वाहन मालिक हैं। रोड परमिट सहित अन्य मदों में यह राशि बकाया है।

कोरोना काल में आमदनी बढ़ाने की कवायद कर रहा परिवहन विभाग ने अब सभी टैक्स डिफॉल्टरों पर नियमानुसार कार्रवाई करने का मन बनाया है। शुरुआत इन्हें नोटिस भेजकर की जाएगी। टैक्स डिफॉल्टरों को नोटिस भेजने की जिम्मेवारी सभी जिले के जिला परिवहन पदाधिकारियों को दी गई है। नोटिस मिलने के 21 दिनों के भीतर वाहन मालिकों को उसका जवाब देना होगा। इस तय अवधि में जवाब नहीं देने वाले वाहन मालिकों पर आगे की कार्रवाई के तहत सर्टिफिकेट केस किया जाएगा। सर्टिफिकेट केस होने के बाद डिफॉल्टरों को मुकदमे का सामना करना होगा।

पटना में अधिक हैं टैक्स डिफॉल्टर
अधिकारियों के अनुसार, टैक्स डिफॉल्टरों में सबसे अधिक पटना जिले के वाहन मालिक हैं। इसके बाद गया, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा आदि जिले हैं। अरसे पहले विभाग की ओर से टैक्स डिफॉल्टरों पर कार्रवाई की गई थी। उसका सकारात्मक परिणाम भी सामने आया। बकाया वसूली के लिए समय-समय पर विभाग की ओर से सर्वक्षमा योजना भी लाई गई। फिर भी टैक्स डिफॉल्टरों की ओर से पैसा जमा नहीं करने के कारण विभाग नोटिस और फिर मुकदमा करने की रणनीति पर काम कर रहा है।

गाड़ियों की भी हो सकती है जब्ती
नियमानुसार टैक्स डिफॉल्टरों की गाड़ी जब्ती तक का प्रावधान है। नोटिस और मुकदमे के बाद विभाग टैक्स डिफॉल्टर गाड़ियों को जब्त भी कर सकता है। अगर एक बार गाड़ी जब्त हो जाए तो फिर जब तक वाहन मालिक टैक्स जमा नहीं करते, उनकी गाड़ी वापस नहीं होगी। हालांकि वाहनों की जब्ती के बाद वाहन मालिकों को समय दिया जाता है। तय समय में टैक्स जमा नहीं करने पर ऐसी गाड़ियों की नीलामी तक का प्रावधान है। इस बार विभाग इस स्तर तक कार्रवाई करने के मूड में है।

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