Desk: बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2020) के बाद लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में दो-फाड़ दिख रहा है। पार्टी के सैकड़ों नेता दूसरे दलों में शामिल हो चुके हैं। इस बीच बड़ी खबर यह है कि उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) में भी दरार आ गई है। आरएलएसपी के प्रदेश महासचिव विनय कुशवाहा (Vinay Kushwaha) के नेतृत्व में पार्टी के 40 अन्य नेताओं ने एक साथ इस्तीफा दिया है। इस्तीफा देने का कारण बताते हुए विनय कुशवाहा ने आरएलएसपी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा पर पार्टी को बेंच देने का आरोप लगाया है।
विदित हो कि उपेंद्र कुशवाहा द्वारा जनता दल यूनाइटेड (JDU) के साथ पार्टी के विलय के कयास लगाए जा रहे हैं। जेडीयू के राज्यसभा सांसद बशिष्ठ नारायण सिंह ने आरएलएसपी के विलय को ले सकारात्मक बातचीत को लेकर बयान दिया था। हालांकि, आरएलएसपी ने अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
गया में दो-फाड़ हुई आरएलएसपी, 41 ने दिया इस्तीफा
जेडीयू में आरएलएसपी के विलय की खबरों के बीच आरएलएसपी में इसका विरोध भी शुरू हो गया है। गया जिले में पार्टी के जेडीयू में संभावित विलय को लेकर बड़ा उलटफेर हो सकता है। शनिवार को तब इसकी शुरुआत भी हो गई, जब प्रदेश महासचिव व आरएलएसपी के संस्थापक सदस्य रहे विनय कुशवाहा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता व पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपने साथ इस्तीफा देने वाले 40 अन्य नेताओं की सूची भी जारी की। इसके साथ गया में आरएलएसपी में बड़ा विभाजन हो गया है।
विनय कुशवाहा ने पार्टी को बेचने का लगाया आरोप
इस्तीफा देने के साथ ही विनय कुशवाहा ने उपेंद्र कुशवाहा पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी को बेंच दिया है। साथ ही कुशवाहा जाति को बरगलाने तथा बिहार में पार्टी से जुड़े हजारों युवाओं व पुराने कार्यकर्ताओं को धोखा देने व उनका भविष्य को खराब करने का भी आरोप लगाया।
उपेंद्र कुशवाहा के लिए कठिन हो सकते आगामी दिन
विनय कुशवाहा का 40 साथियों सहित पार्टी से इस्तीफा अगर संकेत है तो आरएलएसपी के आने वाले दिन कठिन लग रहे हैं। अब देखना यह होगा की यदि आरएलएसपी का जेडीयू में विलय होता है तो पार्टी से असंतुष्ट चल रहे नेता अपना राजनीतिक ठिकाना कहां तलाशते हैं। संभव है कि आरएलएसपी में मची यह भगदड़ एलजेपी की ही तरह तेज हो जाए। इन दिनों एलजेपी में भी इस्तीफा का दौर चल रहा है। सैकड़ों नेताओं के पार्टी छोड़ने के कारण एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) परेशान हैं। ऐसे ही हालात आरएलएसपी में बने तो उपेंद्र कुशवाहा की मुसीबत भी तय है।
साल 2013 में नीतीश से ही अलग होकर बनाई थी पार्टी
विदित हो कि उपेंद्र कुशवाहा ने साल 2013 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से ही अलग होकर अपनी अलग राजनीतिक पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (Rashtriya Lok Samta Party) बनाई थी। तब से करीब सात वर्षों तक कुशवाहा अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत करने की कोशिश करते रहे, लेकिन उम्मीद के अनुरूप उपलब्धि नहीं मिल सकी। हालिया विधानसभा चुनाव में पार्टी व उसके गठबंधन को निरायाी हाथ लगी। अब आरएलएसपी और जेडीयू के बीच बढ़ती नज़दीकियाें के बीच नए राजनीतिक समीकरण बनने की उम्मीद है।