Bihar Election 2025 की तैयारियों के बीच निर्वाचन आयोग ने चुनाव प्रचार के डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों पर सख्ती दिखाई है। आयोग ने स्पष्ट निर्देश जारी किया कि अब टेलीविजन, रेडियो, एफएम, सिनेमा हॉल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (फेसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम, यूट्यूब आदि) और अन्य ऑडियो-वीडियो माध्यमों पर कोई भी प्रचार सामग्री प्रसारित करने से पहले जिला स्तरीय मीडिया प्रमाणीकरण एवं निगरानी समिति (MCMC) से अनुमति लेना अनिवार्य होगा।
निर्वाचन शाखा ने कहा कि एमसीएमसी की अनुमति के बिना किसी भी सामग्री का प्रसारण या प्रकाशन आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा और संबंधित दल या प्रत्याशी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
MCMC की भूमिका — प्रचार सामग्री की कड़ी समीक्षा

निर्वाचन आयोग ने MCMC को अधिकार दिया है कि वह किसी भी ऑडियो, वीडियो या ग्राफिक सामग्री की समीक्षा करे और सुनिश्चित करे कि उसमें किसी समुदाय, वर्ग या व्यक्ति के प्रति भेदभाव, नफरत या भ्रामक जानकारी शामिल न हो।
सभी राजनीतिक दल और प्रत्याशी अपने वीडियो क्लिप, विज्ञापन, जिंगल, भाषण या सोशल मीडिया पोस्ट को MCMC के पास प्रमाणीकरण के लिए पेश करेंगे। समिति समीक्षा के बाद यदि सामग्री सही पाई जाती है, तभी अनुमति दी जाएगी।
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डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सख्ती — नामांकन के समय जानकारी देना अनिवार्य
निर्वाचन आयोग ने उम्मीदवारों को निर्देश दिया है कि वे अपने सभी आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट और हैंडल की जानकारी नामांकन के दौरान निर्वाचन अधिकारी को दें।
यदि किसी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अप्रमाणित या भ्रामक सामग्री देखी जाती है, तो उसे तुरंत हटाने का निर्देश दिया जाएगा और संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यह कदम इंटरनेट मीडिया के बढ़ते प्रभाव को ध्यान में रखकर उठाया गया है।
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प्रचार सामग्री पर 7 नए नियम — सुरक्षा और पारदर्शिता को ध्यान में रखकर
निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया कि चुनावी प्रचार सामग्री के लिए अब सात महत्वपूर्ण नियम होंगे:
1. किसी भी ऑडियो-वीडियो सामग्री का प्रसारण केवल MCMC की अनुमति मिलने के बाद किया जाएगा।
2. सोशल मीडिया पोस्ट, विज्ञापन और वीडियो क्लिप को पहले समीक्षा समिति के पास प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
3. अप्रमाणित सामग्री का उपयोग आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा।
4. किसी भी समुदाय, धर्म, जाति या व्यक्ति के खिलाफ भेदभाव, नफरत या भ्रामक जानकारी नहीं होनी चाहिए।
5. प्रत्याशी और दल को अपने सभी सोशल मीडिया अकाउंट नामांकन के समय बताने होंगे।
6. उल्लंघन होने पर तत्काल कार्रवाई और सामग्री हटाने का निर्देश दिया जाएगा।
7. MCMC को अधिकार है कि वह किसी भी सामग्री को सुधार या रोकने का निर्णय ले सके।
सोशल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक प्रचार की बढ़ती भूमिका
Bihar Election 2025 में डिजिटल मीडिया का महत्व पहले से कहीं अधिक बढ़ गया है। फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म अब मतदाता तक पहुंचने का मुख्य माध्यम बन गए हैं।
निर्वाचन आयोग ने कहा कि बिना प्रमाणीकरण वाली सामग्री न केवल भ्रष्ट सूचना फैलाती है, बल्कि चुनाव में अनियमित प्रभाव भी डाल सकती है। इसलिए MCMC की सख्ती लोकतंत्र की रक्षा और चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है।
आयोग की चेतावनी — उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई
निर्वाचन आयोग ने साफ किया कि यदि कोई राजनीतिक दल या प्रत्याशी इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसे आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा। इसके अंतर्गत नोटिस, फाइन या प्रत्याशी को निर्वाचन से अयोग्य ठहराने तक की कार्रवाई हो सकती है।
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