Bihar Bulldozer Action Politics में सम्राट चौधरी के एक्शन पर बढ़ा सियासी संग्राम
Bihar Bulldozer Action Politics इन दिनों राज्य की सबसे बड़ी राजनीतिक बहस बन चुकी है। डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी के गृह विभाग संभालते ही बिहार के कई जिलों में अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर चलाया जा रहा है। सड़कों के किनारे बने अस्थायी ढांचों से लेकर विभिन्न इलाकों में कई तरह के अतिक्रमण हटाए जा रहे हैं। सरकार इसे कानून-व्यवस्था सुधार और सार्वजनिक जमीन को मुक्त कराने की कार्रवाई बता रही है, जबकि विपक्ष इसे गरीबों के खिलाफ कार्रवाई करार दे रहा है।
- Bihar Bulldozer Action Politics में सम्राट चौधरी के एक्शन पर बढ़ा सियासी संग्राम
- Bihar Bulldozer Action Politics पर जीतनराम मांझी का बड़ा बयान
- Bihar Bulldozer Action Politics में दलितों पर कार्रवाई को लेकर कड़ा विरोध
- Bihar Bulldozer Action Politics में सरकार को मांझी की सीधी सलाह
- Bihar Bulldozer Action Politics में विपक्ष को मिला नया हथियार
- Bihar Bulldozer Action Politics और तेजस्वी यादव की गैरहाजिरी पर मांझी का तंज
- Bihar Bulldozer Action Politics में सम्राट चौधरी की सख्त लाइन
- Bihar Bulldozer Action Politics में गरीब बनाम बड़े कब्जाधारी की बहस तेज
- Bihar Bulldozer Action Politics से एनडीए के भीतर बढ़ा असंतोष
सम्राट चौधरी को विपक्ष “बुलडोजर बाबा” कहकर घेर रहा है। इसी बीच इस मुद्दे पर एनडीए के सहयोगी और केंद्रीय मंत्री व हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतनराम मांझी भी खुलकर सामने आ गए हैं। उनके बयान ने बिहार की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है।
Bihar Bulldozer Action Politics पर जीतनराम मांझी का बड़ा बयान
Bihar Bulldozer Action Politics पर जीतनराम मांझी ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि अतिक्रमण करना गलत है और नोटिस देकर अतिक्रमण हटाना भी कानून के दायरे में सही है, लेकिन कार्रवाई का तरीका और प्राथमिकता सबसे बड़ा सवाल है। उन्होंने कहा कि अभी बुलडोजर छोटे दुकानदारों, ठेले वालों और गरीब तबके के लोगों पर चलाया जा रहा है, जबकि असली बड़े कब्जाधारी अब भी सुरक्षित हैं।
मांझी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट भी यह कह चुका है कि जब तक लोगों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हो जाती, तब तक उन्हें उजाड़ना उचित नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि सुनने में आया है कि बिहार सरकार पुनर्वास को लेकर सक्रिय है, लेकिन जमीनी हकीकत अलग दिख रही है।
Bihar Bulldozer Action Politics में दलितों पर कार्रवाई को लेकर कड़ा विरोध

Bihar Bulldozer Action Politics में मांझी का सबसे तीखा हमला दलित बस्तियों पर हुई कार्रवाई को लेकर रहा। उन्होंने कहा कि दलितों और गरीबों पर बुलडोजर चलाना किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उनका साफ कहना था कि पहले उन लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए थी जिन्होंने सरकारी जमीन पर बड़े-बड़े मॉल बना लिए हैं, चार-पांच मंजिला इमारतें खड़ी कर ली हैं और वर्षों से जमीन पर अवैध कब्जा किए बैठे हैं।
मांझी ने कहा कि अगर पहले इन बड़े कब्जाधारियों पर कार्रवाई होती, तो छोटे दुकानदार और कमजोर तबके के लोग अपने आप हट जाते। तब न कोई राजनीतिक विरोध होता और न ही जनता में गुस्सा फैलता।
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Bihar Bulldozer Action Politics में सरकार को मांझी की सीधी सलाह
Bihar Bulldozer Action Politics को लेकर जीतनराम मांझी ने इसे सरकार के लिए सुझाव बताया। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण हटाना जरूरी है, इसमें कोई दो राय नहीं है, लेकिन इसकी शुरुआत हमेशा ऊपर से नीचे की ओर होनी चाहिए, न कि नीचे से ऊपर की ओर। पहले बड़े माफिया, बड़े कब्जाधारी और बड़े कारोबारी, जिन्होंने सरकारी जमीन को लूटा है, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए।
मांझी ने दो टूक कहा कि अगर सरकार पहले बड़े-बड़े मॉल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और अवैध बहुमंजिला इमारतों पर बुलडोजर चलाती, तो गरीबों पर कार्रवाई की जरूरत ही नहीं पड़ती।
Bihar Bulldozer Action Politics में विपक्ष को मिला नया हथियार
Bihar Bulldozer Action Politics में जीतनराम मांझी का बयान आते ही विपक्ष को सरकार पर हमला करने का एक और बड़ा मौका मिल गया है। पहले से ही राजद, कांग्रेस और वाम दल इस कार्रवाई को लेकर सरकार पर गरीब विरोधी आरोप लगा रहे थे। अब खुद एनडीए के एक बड़े सहयोगी नेता के बयान ने सरकार की रणनीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
विपक्ष का कहना है कि सरकार कानून के नाम पर केवल कमजोर वर्ग को निशाना बना रही है, जबकि बड़े रसूखदार लोग आज भी पूरी तरह सुरक्षित हैं।
Bihar Bulldozer Action Politics और तेजस्वी यादव की गैरहाजिरी पर मांझी का तंज
Bihar Bulldozer Action Politics के बीच जीतनराम मांझी ने बिहार विधानमंडल के पांच दिवसीय सत्र में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की अनुपस्थिति पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जनता ने तेजस्वी यादव को जो जनादेश दिया है, उसके अनुसार उन्हें सदन में रहकर अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए थी।
मांझी ने कहा कि उन्हें लगता है कि शर्म और लज्जा के कारण ही तेजस्वी यादव इस सत्र में शामिल नहीं हो पाए। इस बयान के बाद राजनीतिक प्रतिक्रिया और तेज हो गई है।
Bihar Bulldozer Action Politics में सम्राट चौधरी की सख्त लाइन
Bihar Bulldozer Action Politics के केंद्र में डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी की सख्त नीति है। गृह विभाग संभालते ही उन्होंने साफ कर दिया था कि बिहार में अवैध कब्जे, अतिक्रमण और जमीन माफिया के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी। इसी नीति के तहत राज्य के कई जिलों में लगातार बुलडोजर एक्शन चल रहा है।
सरकार का तर्क है कि सड़कें खाली कराना, सरकारी जमीन को मुक्त कराना और सार्वजनिक सुविधाओं को सुचारु करना जरूरी है। लेकिन जमीन पर जिस तरीके से कार्रवाई हो रही है, उसने इस नीति को विवादों में ला दिया है।
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Bihar Bulldozer Action Politics में गरीब बनाम बड़े कब्जाधारी की बहस तेज
Bihar Bulldozer Action Politics अब गरीब बनाम बड़े कब्जाधारी की बहस में बदल चुकी है। एक ओर सरकार कानून का हवाला देकर कार्रवाई को सही बता रही है, वहीं दूसरी ओर मांझी जैसे नेता यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या कानून सिर्फ गरीबों के लिए है?
यह बहस अब सिर्फ प्रशासनिक नहीं, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक रूप भी ले चुकी है। दलित, पिछड़ा और गरीब वर्ग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है, जबकि बड़े कारोबारी और रसूखदार लोग अब भी खुलेआम नजर आ रहे हैं।
Bihar Bulldozer Action Politics से एनडीए के भीतर बढ़ा असंतोष
Bihar Bulldozer Action Politics ने एनडीए के भीतर भी असहज स्थिति पैदा कर दी है। जीतनराम मांझी का यह बयान केवल व्यक्तिगत विरोध नहीं माना जा रहा, बल्कि इसे गठबंधन के भीतर मौजूद बेचैनी के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अगर कार्रवाई का तरीका नहीं बदला गया, तो आने वाले समय में यह मुद्दा सरकार के लिए और बड़ा संकट बन सकता है।
Bihar Bulldozer Action Politics और आगामी बिहार चुनाव की तस्वीर
Bihar Bulldozer Action Politics का असर आने वाले विधानसभा चुनावों पर भी साफ दिख सकता है। दलितों और गरीबों से जुड़े इस मुद्दे को विपक्ष चुनावी हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की तैयारी में है। वहीं सरकार इस कार्रवाई को सुशासन और कानून व्यवस्था का प्रतीक बताकर जनता के बीच जाने की रणनीति बना रही है।
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