Desk: किसी भी सरकारी योजना के उद्घाटन का आम तौर पर स्वागत ही किया जाता है, मगर इस बार उल्टा हुआ। हाजीपुर में पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की योजना का उद्घाटन विभागीय मंत्री मुकेश सहनी (Bihar Minister Mukesh Sahani) के बदले उनके भाई ने कर दिया। इस दौरान उन्हें सरकारी प्रोटोकॉल भी मिला। इसी मामले को लेकर विधानसभा (Bihar Vidhansabha budget Session) और विधान परिषद में विपक्ष ने गुरुवार को सरकार को जब कठघरे में खड़ा किया तो सत्ता पक्ष की भारी फजीहत हो गई। हंगामे के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) को हस्तक्षेप करना पड़ा। उन्होंने इसे गंभीरता से लिया और विपक्ष को कार्रवाई का भरोसा भी दिया। आगे की कार्रवाई के लिए अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई है।
विधानसभा के दोनों सदनों में उठा मामला
विधानमंडल के दोनों सदनों में राजद (RJD) के सदस्यों ने पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की योजना के उद्घाटन का मामला गुरुवार को उठाया गया। यह योजना है मछुआरों को 90 फीसद अनुदान पर वाहन एवं आइस बॉक्स देने की। विधानसभा में राजद के सदस्य इसलिए आक्रोश में थे कि योजना के उद्घाटन में विभाग के मंत्री ने खुद नहीं जाकर, अपने भाई को भेज दिया। विभाग के अधिकारियों ने मंत्री के भाई संतोष सहनी को भी वही प्रोटोकॉल दिया, जो कैबिनेट मंत्री को दिया जाता है।
विपक्ष के हंगामे के बीच मुख्यमंत्री को करना पड़ा हस्तक्षेप
विपक्ष के हंगामे के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को हस्तक्षेप करना पड़ा। खुद खड़े होकर उन्होंने सदन को कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने भी हैरानी जताई और कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है। आखिर ऐसा कैसे हो सकता है कि मंत्री का भाई किसी सरकारी कार्यक्रम का उद्घाटन कर सकता है। नीतीश ने कहा कि हालांकि उन्हें लगता है कि यह काम किसी मंत्री का नहीं है, मगर जो कोई भी शामिल है, उसकी रिपोर्ट मंगाई जा रही है।
वैशाली जिले में दो दिन पहले आयोजित हुआ था कार्यक्रम
हाजीपुर में दो दिन पहले यह कार्यक्रम आयोजित हुआ था। विभाग की ओर से चयनित 23 अभ्यर्थियों को अनुदान पर फोर व्हीलर, थ्री व्हीलर एवं आइस बॉक्स देना था। मंत्री को मुख्य अतिथि बनाया गया था। विधानसभा के बजट सत्र में व्यस्त होने के चलते मंत्री खुद नहीं जा पाए। प्रतिनिधि के तौर पर अपने भाई संतोष सहनी को भेज दिया। सरकारी गाड़ी से पहुंचे संतोष सहनी ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। प्रतिभागियों के बीच पुरस्कार भी बांटे। अधिकारियों ने मंत्री के भाई को भी वही प्रोटोकॉल दिया, जो एक कैबिनेट मंत्री को दिया जाता है। मीडिया में खबर छपी तो विधान परिषद में राजद ने मामला उठा दिया। काफी देर तक हंगामा होता रहा। मंत्री को जवाब देते नहीं बना। विपक्ष का सवाल था कि आखिर कोई मंत्री अपने परिवार के सदस्यों को सरकारी कार्यक्रम में कैसे भेज सकता है।
लालू ने भी किया था उद्घाटन
सत्ता पक्ष पर हमलावर राजद की ओर से भी ऐसा वाकया हो चुका है। 2016 में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव को डॉक्टरों के कार्यक्रम का उद्घाटन करना था, लेकिन पटना में रहते हुए भी वह नहीं गए तो राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने खुद मोर्चा संभाल लिया। वह कार्यक्रम में गए और बेटे के बदले खुद उद्घाटन किया। संबोधन भी किया। तब भाजपा नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने लालू परिवार पर जमकर हमला किया था।