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बिहार में सबसे पहले फ्रंट लाइन कोरोना वॉरियर्स को कोरोना का टीका (वैक्सीन) लगेगा। स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर सभी जिलों में कोरोना महामारी से बचाव को लेकर सबसे आगे की पंक्ति में कार्य कर रहे कर्मियों को टीका लगाने की तैयारी शुरू कर दी गई है।

सूत्रों के अनुसार स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव सह राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने सभी जिलों के सिविल सर्जन को निर्देश है कि वे अपने-अपने जिले में कोरोना वॉरियर्स का डाटा-बेस तैयार करें। ताकि यह आकलन किया जा सके कि पहले चरण में कितने वैक्सीन की जरूरत होगी। केंद्र सरकार से मिलने वाली कोरोना वैक्सीन की पहली खेप का इस्तेमाल इनके लिए ही किया जाएगा।

कोरोना के वैक्सीन लगाने को लेकर सरकारी क्षेत्र के साथ ही निजी क्षेत्र के सभी स्वास्थ्यकर्मियों का डाटा-बेस बनेगा। इसमें निजी अस्पतालों के डॉक्टर व कर्मी भी शामिल होंगे जो कि कोरोना काल में आमलोगों की जांच व इलाज से जुड़े रहे हैं। इसमें आशा कार्यकर्ताओं को भी शामिल किया जाएगा, जो गांव-गांव में घर-घर जाकर एंटीजेन टेस्ट किट से कोरोना की जांच कर रही हैं। डाटा-बेस के तहत सभी कर्मियों का नाम, पता, उम्र, पहचान पत्र इत्यादि का ब्यौरा एकत्र किया जाएगा।

कोरोना से मुकाबले में जुटे सरकारी क्षेत्र के डॉक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों और आशा कार्यकर्ताओं सहित निजी क्षेत्र के करीब चार लाख से अधिक फ्रंट वर्कर को कोरोना वैक्सीन पहले लगाया जाएगा। इसमें आयुष क्षेत्र के आयुर्वेद, होमियोपैथी व यूनानी चिकित्सा के डॉक्टर व कर्मी भी शामिल हैं। इनके द्वारा शिविर लगाकर, हाट-बाजारों में और कोविड केयर सेंटर में आने वाले कोरोना संक्रमितों का इलाज किया जाता रहा है। इसमें सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के डॉक्टर व कर्मी, एम्स, पटना, आईजीआईएमएस, पटना सहित विभिन्न अस्पतालों के डॉक्टर व स्वास्थ्यकर्मी भी शामिल हैं।

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