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Desk: वैक्सीनेशन के 24 घंटे पहले ही Co-Win पोर्टल का सर्वर ठप हो गया है। वैक्सीनेशन के लिए जो मेसेज भेजा जाना था वह भी नहीं जा पा रहा, जिससे विभागीय अफसरों की सांसें ऊपर-नीचे हो रही हैं। एक तरफ सर्वर पर काम चल रहा है तो दूसरी तरफ मैनुअली वैक्सीनेशन के लिए लोगों का नाम फाइनल करने की कवायद चल रही है। अभी तक जिला प्रशासन के पास जिन लोगों को वैक्सीन लेना है उनके नाम की सूची तक नहीं आ पाई है।

सर्वर के लिए यह हो गया बड़ा संकट

Co-Win पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के बाद ही वैक्सीनेशन की व्यवस्था बनाई गई है। बिहार में अब तक 4.69 लाख लोगों का रजिस्ट्रेशन किया गया है। रजिस्ट्रेशन के दौरान मोबाइल नंबर और संबंधित हेल्थ वर्कर का पता देना था। व्यवस्था बनाई गई थी कि 24 घंटे पहले ही संबंधित लाभार्थियों के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर मैसेज भेजना था। लेकिन होम एड्रेस में जो पता दिया गया था और जहां स्वास्थ्यकर्मी की तैनाती है इसकी मैचिंग नहीं हो पाई। इस कारण से सर्वर मैसेज नहीं भेज पा रहा है। स्वास्थ्यकर्मी द्वारा दिए गए पते के पिनकोड के आधार पर ही पोर्टल से सर्च किया जा रहा है और यही तकनीकी समस्या है जिससे परेशानी आई है। विभाग से जुड़े अफसरों की मानें तो यही सबसे बड़ी बाधा हुई है जिस कारण से सर्वर बैठ गया है।

सर्वर चला भी तो मैसेज पाने वालों को पहुंचने में चुनौती

सर्वर पर काम चल रहा है। अगर इसे सही भी कर लिया गया तो मैसेज मिलने वालों का समय से सेंटर पर पहुंचना आसान नहीं होगा। ऐसे में पहले दिन के टीकाकरण को लेकर बड़ी चुनौती सामने आ रही है। स्वास्थ्य विभाग पूरी तैयारी में जुटा है लेकिन अभी तक कोई रास्ता नहीं निकल पाया है। जिला प्रशासन के साथ स्वास्थ्य विभाग को भी पता नहीं है कि किसे टीका लगना है और सूची कहां है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को तय करना है कि जिस व्यक्ति को मैसेज गया है वह वैक्सीनेशन के लिए पहुंच रहा है कि नहीं। ऐसे कई सवाल हैं जिसे लेकर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में मंथन चल रहा है।

अब मैनुअली हो रहा काम

स्वास्थ्य विभाग यह नहीं बता पा रहा है कि किस किस को मैसेज भेजा जा चुका है। विभाग के पास कोई सूची भी नहीं है। ऐसे में बड़ी चुनौती पहले दिन के वैक्सीनेशन को लेकर है। सूत्रों की मानें मो पूरे सिस्टम को ओवरलैप करना पड़ा है क्योंकि वैक्सीनेशन को सफल बनाना है। जहां से शुभारंभ होना है वहां भी अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि किसे वैक्सीन दी जाएगी। इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक डॉ मनीष मंडल का कहना है कि अभी उनके पास कोई लिस्ट नहीं आई है। ऐसे में सवाल यह है कि जिसको वैक्सीन दिया जाना है उसको सूचना कैसे जाएगी और कैसे वह सेंटर तक पहुेगा।

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