9 Powerful Updates: Fodder Scam केस में कोर्ट का सख़्त रुख, रोज़ाना सुनवाई का आदेश, लालू यादव की बढ़ी मुश्किलें

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चारा घोटाले की सुनवाई को कोर्ट ने दैनिक कर दिया, सभी आरोपितों को हाजिर रहने का आदेश

Fodder Scam यानी देश के सबसे हाई-प्रोफाइल आर्थिक अपराधों में से एक—इस केस में अब अदालत का रुख पहले से कहीं ज्यादा सख़्त हो गया है। उच्चतम न्यायालय के पुराने मामलों के त्वरित निष्पादन संबंधी निर्देश के बाद इस करोड़ों के घोटाले ने कोर्ट को फिर से स्पीड मोड में ला दिया है। विशेष सीबीआई अदालत ने इस मामले में रोज़ाना सुनवाई का आदेश दिया है और सभी आरोपितों को सशरीर हाज़िर रहने का सख्त निर्देश जारी किया है।

यह फैसला आने के बाद राजनीतिक गलियारों से लेकर नौकरशाही तक हलचल तेज़ हो गई है, क्योंकि इस केस का हर अध्याय सत्ता, सिस्टम और बड़े आर्थिक अपराधों की गहरी परतें खोलता है। लालू यादव पहले से कई केसों में सज़ा पा चुके हैं, और अब अदालत की यह नई सख्ती उनकी कानूनी मुश्किलें और बढ़ाने वाली मानी जा रही है।

Fodder Scam: करोड़ों के चारा घोटाले पर कोर्ट ने दिखाई अब तक की सबसे बड़ी सख़्ती

बिहार के राजनीतिक इतिहास में दर्ज Fodder Scam सिर्फ़ एक आर्थिक अपराध नहीं, बल्कि सिस्टम, सत्ता और भ्रष्टाचार के अनोखे गठजोड़ की जीवंत मिसाल है। 1996 से लंबित यह केस अब एक निर्णायक मोड़ पर पहुँच गया है।

विशेष CBI न्यायाधीश राकेश कुमार की अदालत ने स्पष्ट किया कि यह मामला अब और लंबित नहीं रहना चाहिए। इसलिए:
• हर दिन सुनवाई होगी
• सभी आरोपित कोर्ट में उपस्थित रहें
• किसी भी बहाने को स्वीकार नहीं किया जाएगा

यह फैसला इस केस को तेज रफ्तार देने वाला बड़ा कदम है—वैसा ही जैसे संगीन मामलों पर स्पीड-ट्रायल का आदेश होता है।

Fodder Scam: 1996 से लंबित केस, 250+ गवाह, 110 गवाही दर्ज

9 Powerful Updates: Fodder Scam केस में कोर्ट का सख़्त रुख, रोज़ाना सुनवाई का आदेश, लालू यादव की बढ़ी मुश्किलें 1

इस केस में कई परतें इतनी मोटी हैं कि अदालत तक ने इसे “क्राइम क्लासिक” की श्रेणी में रखा है।
चार्जशीट के अनुसार:
• 250 से ज्यादा गवाह
• 110 की गवाही अब तक पूरी
• 18 आरोपितों के खिलाफ सुनवाई जारी
• बाकी कई आरोपी मौत, उम्र और स्वास्थ्य के चलते केस से बाहर हो चुके

यह मुकदमा वर्षों से टलता रहा, लेकिन अब अदालत की दैनिक सुनवाई की व्यवस्था इसे अंतिम अंजाम के करीब ले जाने की दिशा में निर्णायक कदम मानी जा रही है।

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Fodder Scam: कैसे हुआ था करोड़ों का फर्जी निकासी घोटाला?

यह पूरा मामला भागलपुर के बांका उप-ज़िला कोषागार से पशुपालन विभाग के नाम पर:

45 लाख रुपये की अनुचित निकासी


• जाली विपत्र
• फर्जी आपूर्ति
• फर्जी बिल
• अधिकारियों की मिलीभगत
• राजनीतिक संरक्षण

इस केस को CBI ने RC 63(A)/96 के नाम से दर्ज किया था।
चार्जशीट में 44 आरोपी बने—जिनमें मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक, आईएएस अधिकारी तक शामिल रहे।

यह सिर्फ़ एक घोटाला नहीं, बल्कि उस दौर में राजनीतिक सत्ता और सरकारी सिस्टम के गठजोड़ का भयावह उदाहरण माना जाता है।

Fodder Scam: क्यों बढ़ीं लालू यादव की मुश्किलें?

लालू यादव पहले ही Fodder Scam से जुड़े कई मामलों में दोषी करार दिए जा चुके हैं।
अब:
• रोजाना सुनवाई
• अदालत में व्यक्तिगत उपस्थिति
• फाइलों के तेज़ खुलासे
• गवाहों के लगातार बयान

इन सब से उनकी कानूनी चुनौतियाँ और बढ़ेंगी।
राजनीतिक तौर पर भी, यह फैसला महागठबंधन और RJD की रणनीति पर असर डाल सकता है।

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दैनिक सुनवाई का असर: अब नहीं रुकेगा केस, नहीं रुकेगी फाइलें

अदालत का आदेश स्पष्ट है—
“दो दशक पुरानी इस केस फाइल पर अब धूल नहीं जमेगी।”

हर रोज:
• गवाही दर्ज होगी
• क्रॉस-एग्ज़ामिनेशन होगा
• रिकॉर्ड खोले जाएंगे
• उस दौर की भ्रष्टाचार की परतें निकलेंगी

यह फैसला भारत की न्यायिक प्रक्रिया में लंबित मामलों के त्वरित निष्पादन की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

बिहार की राजनीति, अफसरशाही और इतिहास—तीनों पर असर

यह केस अब सिर्फ़ Fodder Scam की सुनवाई नहीं रहा—
यह बिहार के राजनीतिक इतिहास की सच्चाई को दो दशक बाद फिर सामने लाने का मंच बन चुका है।

फैसला चाहे जो भी हो—
पर अदालत की यह सख्ती एक बात तय करती है कि अब इस केस का कोई हिस्सा अधूरा या अनसुना नहीं छोड़ा जाएगा।

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