दलित छात्रा हत्या मामले में अपनी राजनीति चमकाने वाले गोल्डन ने कान पकड़े
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मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर में दलित नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप के बाद उसकी जघन्य हत्या से उपजा तूफान अब शांत हो गया है।लेकिन इस जघन्य अपराध कांड के बाद दो प्रवृत्तियां ज्यादा स्पष्ट होकर सामने आयीं जिनमे राजद की पहली वह प्रवृति है जिसमे राजद अपने राजनीतिक हितों को मुताबिक एक्ट करता है, फिर चाहे कोई मामला उसके वोट बैंक से ही जुड़ा क्यों न हो। पूर्व में मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी की हत्या में शामिल अपराधियों के नाम सामने आने पर राजद ने चुप्पी साध ली थी, क्योंकि अपराधी मुसलमान थे और फिर दलित किशोरी के साथ हुए जघन्य अपराध के बाद तो राजद की जुबान को लकवा मार गया क्योंकि इस कांड से जुड़ा अपराधी यादव जाति का है। दूसरी प्रवृत्ति तथाकथित बहुजन आर्मी के अध्यक्ष गोल्डन दास के रूप में सामने आई जो दुसरे के घर में लगी आग में हाथ सेंकने जैसी है।

दलित किशोरी का हत्यारा गिरफ्तार हो चुका है, साथ में उसके चार अन्य सहयोगी भी गिरफ्तार हुए हैं और कानून अपना काम कर रहा है, लेकिन शायद इस बात को गोल्डन दास ने जल्दी समझ लिया और इसलिए अब पुलिस के सामने भीगी बिल्ली बनकर कान पकड़ रहा है, पुलिस से माफी मांग रहा है। गोल्डन दास ने इस हत्याकांड में अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश की थी, जिसके लिए उसने ऑनलाइन 67 हजार रूपये भी जुटा लिए जिसका इस्तेमाल उसने लोगों को उकसाने के लिए किया था।

उसने अपने समर्थकों के साथ आरोपी के घर तोड़फोड़ करायी थी। गांव में आरोपी के आसपास के घरों को नुकसान पहुंचाया गया था और लूटपाट भी की गयी थी।पुलिस ने इस मामले में गोल्डेन दास समेत 16 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने मौके से 12 से ज्यादा बाइक, एक फॉर्च्यूनर कार जब्त की है। पुलिस ने बताया कि ‘पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए गोल्डेन दास ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया, जिसमें एक क्यूआर कोड डाला गया था।

क्यूआर कोड के जरिए करीब 67 हजार रुपए चंदा इकट्टा हुआ। इसी पैसे से उसने दर्जनों बाइक और एक कार किराए पर ली। इसके बाद कार से वह अपने समर्थकों के साथ आरोपी संजय राय के गांव पारू पहुंचा। समर्थकों ने तोड़फोड़ और लूटपाट की। पुलिस के मुताबिक, उसने वहां पहले से ही संगठन के लोगों को पैसे देकर जुटाकर रखा था। उसने अपने भाषण से लोगों को उपद्रव के लिए उकसाया। गोल्डेन दास पर पहले से ही 23 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें अधिकांश मुकदमे हमले और उपद्रव के हैं।

दरअसल, रविवार को आरोपी संजय राय के घर तोड़फोड़ की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची थी। इस दौरान गोल्डेन के समर्थकों ने ईंट-पत्थर से पुलिस पर भी हमला कर दिया। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए बल का प्रयोग कर इन्हें खदेड़ दिया था। इस बीच गोल्डेन दास का एक वीडियो भी सामने आया, जिसमें वह कान पकड़कर सभी से माफी मांग रहा है।
एसएसपी राकेश कुमार ने बताया कि इस घटना के बाद लगातार राजनीतिक दलों का उस गांव में आना जाना हो रहा था। इसी दौरान रविवार को गोल्डन दास अपने समर्थकों के साथ वहां आया था। वहां पर काफी उग्र तरीके से भाषण दिया। जिससे उसके समर्थक भड़क गए। इसके बाद उसके समर्थकों ने 5 से 6 घरों में जाकर तोड़फोड़ की। ये घर आरोपी संजय राय के कास्ट के बताए जा रहे हैं।

तोड़फोड़ के दौरान पुलिस वहीं पर मौजूद थी। जब माहौल खराब होने लगा, तो पुलिस ने कार्रवाई की। बल का प्रयोग कर उपद्रवियों को वहां से भगाया गया। इसी दौरान 16 लोग पुलिस के हत्थे चढ़ गए। पुलिस के मुताबिक, इस पूरे उपद्रव का मुख्य आरोपी गोल्डन दास है। जब पुलिस ने इसका आपराधिक इतिहास देखा, तो कुल मिलाकर 23 केस इनके ऊपर पाए गए। मुजफ्फरपुर में भी गोल्डन के खिलाफ दो केस दर्ज हैं। जिसमें पहला केस आरोपी के घर में तोड़-फोड़ और लूटपाट का है। दूसरा उपद्रव के दौरान पुलिस पर पथराव का।

इस घटना के बाद गोल्डेन दास मीडिया के सामने आया। उसने कहा, ‘मैं अब तक जो कुछ भी बिहार पुलिस के ‎बारे में बोलते आया हूं। उसके लिए दोनों कान पकड़कर माफी मांगता हूं। बिहार पुलिस‎ मेरे लिए सम्मानित है। बिहार ‎पुलिस हो या कोई सिपाही, किसी के संबंध में कोई भी उल्टा शब्द निकला हो, तो माफी मांगता‎ हूं। औरंगाबाद के रहने वाले गोल्डेन दास का‎ कहना है कि ‘सोशल मीडिया पर अफवाह‎ फैलाई गई। इसी के बाद हम यहां पहुंचे। यहां‎ आने पर मुझे सच्चाई का पता चला।

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