Desk: बिहार में रहने वाले ने भूजा न खाया हो, ऐसा नहीं हो सकता है। लेकिन इस भूजा का ‘हसीना कनेक्शन’ भी हो सकता है, यह जानकर आप हैरान हो जाएंगे। हम बात कर रहे हैं पटना के अशोक राजपथ पर लगने वाली ‘मशहूर चटपटी दुकान’ पर उपलब्ध भूजा के अजब-गजब नामों की। दुकान के मालिक हीरालाल, जिन्हें लोग प्यार से हीरो हीरालाल भी कहते हैं, के पास ‘हसीना भूजा’ की जबरदस्त रेंज है।
सभी प्रकार के नाम में ‘हसीना’
अगर आप भूजा के शौकीन हैं तो पटना के अशोक राजपथ पर कुर्जी-राजापुर पुल रोड के बीच गाेसाईं टोला मोड़ पर आइए। यहां सड़क किनारे एक ठेला पर पटना की मशहूर चटपटी दुकान पर नजर पड़ेगी। यहीं हीरालाल के ‘हसीना भूजा’ बिकते हैं। सबसे कम मसाले वाले भूजा का नाम है- ‘हसीना मान जाएगी’ तो इससे अधिक मसालेदार भूजा ‘हसीना उछल जाएगी’ है। हीरालाल के पास ‘हसीना बुलाएगी’ सहित ‘हसीना भूजा’ की और भी रेंज है।
यहां चेंज के लिए भी आते हैं कई लोग
हीरालाल के भूजा के दीवाने तो हर आय व आयु वर्ग के लोग हैं, लेकिन नई उम्र के लड़के-लड़कियां अधिक हैं। बीते महीने वेलेंटाइन डे की शाम हीरालाल की भूजा की बिक्री सामान्य दिनों से दोगुनी रही थी। रेगुलर कस्टमर भूजा को नाम बताकर खरीदते हैं तो नए लोगों को वे खुद नाम बताते हैं। भूजा की दुकान पर अपनी दोस्त सोनाक्षी के साथ पहुंचे पटना विश्वविद्यालय के छात्र अनुराग सिंह यहां के नियमित ग्राहक हैं। कहते हैं कि वे यहां चेंज के लिए आते हैं। सड़क पर ठेला के पास इसे खाने का अपना ही मजा है।
दीवानों में बड़े-बड़े लोग भी हैं शामिल
अब भूजा के नाम का कमाल कहिए या उसकी क्वालिटी, खाने वाले दीवाने हो जाते हैं। वैसे उनके भूजा के दीवानों में बड़े-बड़े लोग भी शामिल हैं। बताते हैं कि सालों पहले एक पुलिस अधिकारी की नजर उनपर पड़ी तो पुलिस मुख्यालय से बुलावा आया। वहां ‘बड़े-बड़े अधिकारी भूजा का स्वाद लेकर वाह-वाह कर उठे। पास के महावीर वात्सल्य अस्पताल के डॉक्टरों में भी इसका क्रेज है। वे लोग ठेला पर तो नहीं आते, इसलिए हीरालाल वहां डोर-स्टॉप डिलेवरी करते हैं।
कोरोना काल में लाभकारी है भूजा
हीरालाल अपने भूजा को स्वास्थ्य के लिए बेहतर बताते हैं। भुने चना, मक्का, चावल व चूड़ा आदि के सेवन से कई प्रकार के लाभ हैं। इनसे शरीर को आवश्यक पोषण तो मिलते ही हैं, ये कोरोना काल में विशेष लाभकारी हैं। मोतिहारी के डॉ. भास्कर राय व पटना के डॉ. सुनील सिंह कहते हैं कि तरह-तरह के भूजा शरीर में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन और विटामिन सहित सभी पोषक तत्वों की आपूर्ति करते हैं। ये राेग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाते हैं।
व्यवसाय में लग गया है मन, मिलती रोटी
साल 1962 से पटना में भूजा बेंचकर गुजारा कर रहे मूलत: सिवान के हीरालाल पटना के कुर्जी में रहते हैं। पहले कुर्जी में ही ठेला लगाते थे, लेकिन अब जगह बदल ली है। जवानी के दिनों में काम की तलाश में पटना आए तो यहीं के होकर रह गए। कुछ दिनों काम करने के बाद पैसे बचाकर यह व्यवसाय शुरू किया। फिर तो इसी में रम गए। अब उम्र के आखिरी पड़ाव पर अकेले हो गए हैं, इसलिए व्यवसाय से मन भी लगा रहता है। दो वक्त रोटी का भी जुगाड़ हो जाता है।