केके पाठक की फाइल तस्वीर
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पटना डेस्कः बिहार में भीषण गर्मी का कहर लगातार जारी है और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इसी बीच सभी विद्यालय (School) को आगामी आठ जून तक बंद कर दिया गया है। हालांकि इस दौरान शिक्षकों को नियमित रुप से विद्यालय आने का निर्देश दिया गया है, जिसको लेकर शिक्षा विभाग और शिक्षक संघ आमने-सामने है। दूसरी तरफ शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक (K.K. Pathak) एक बार फिर से लंबी छुट्टी के लिए आवेदन दिया है। सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि आगामी 3 जून से 30 जून तक केके पाठक छुट्टी पर रहेंगे। वहीं, उनके अचानक छुट्टी पर जाने के फैसले से स्कूलों में टाइमिंग विवाद और शिक्षकों की छुट्टी से जोड़ा जा रहा है। बताते चलें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में 8 जून तक स्कूलों को पूर्णत: बंद करने का आदेश दिया था, लेकिन केके पाठक ने आदेश को संशोधित कर शिक्षकों की ड्यूटी लगा दी थी। सूत्र बताते हैं कि इस पूरे मामले में सीएम नीतीश केके पाठक से बेहद नाराज हैं। इसी बीच केके पाठक ने ईएल (EL) छुट्टी के लिए आवेदन दे दिया है।

कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव हो रहे सेवानिवृत

इधर माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव भी रिटायर हो रहे हैं। केके पाठक (K.K. Pathak) की अनुशंसा पर भी सरकार ने एक्सटेंशन नहीं दिया। बता दें कि कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव, केके पाठक के काफी भरीसेमंद अधिकारी हैं, लेकिन उनको एक्टेंशन नहीं मिलना भी एक कारण हो सकता है। केके पाठक के अचानक लंबी छुट्टी पर जाने से सवाल उठने लगा है कि क्या केके पाठक फिर शिक्षा विभाग लौटेंगे या विभाग से सरकार ने उनकी विदाई कर देगी।

सीएम नीतीश के आदेश पर बंद हुआ था स्कूल

बता दें कि बिहार में भीषण गर्मी को देखते हुए 29 मई की शाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश पर सरकारी स्कूलों को बंद कर दिया गया था। सीएम नीतीश के निर्देश पर इस संबंध में मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने आदेश पत्र जारी किया था। लेकिन, बाद में खबर आई कि इस आदेश पत्र में कुछ संशोधन किया गया और यह केवल बच्चों के स्कूल नहीं आने के लिए ही लागू किया गया। शिक्षकों को कोई राहत नहीं दी गई है और उन्हें अनिवार्य रूप से स्कूल आने के लिए कहा गया। आदेश में कहा गया कि शिक्षक पहले की तरह स्कूल आएंगे और रोज अधिकारी भी स्कूलों का इंस्पेक्शन करेंगे। इस बीच शिक्षकों को छुट्टी नहीं दिये जाने को लेकर शिक्षकों में आक्रोश बढ़ गया। शिक्षक संघ की ओर से कहा गया कि क्या हीट वेव से शिक्षक प्रभावित नहीं होंगे। अगर स्कूलों में बच्चे नहीं तो फिर शिक्षकों को बुलाने की क्या जरूरत है। शिक्षकों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शिक्षकों को भी राहत देने की मांग की थी। अब केके पाठक अचानक छुट्टी पर चले गए हैं तो अटकलों का दौर भी शुरू हो गया है।

शिक्षकों को मिला विपक्ष का साथ

इस मुद्दे पर अब सियासत शुरू हो गई है। विपक्ष के नेता नीतीश सरकार पर हमला बोला रहे हैं। शिक्षकों की मांग को समर्थन करते हुए विपक्ष के नेता बोल रहे हैं कि गर्मी में शिक्षकों को अवश्य ही छुट्टी देनी चाहिए। बिहार में एनडीए सरकार की हठधर्मिता के कारण भीषण गर्मी में विद्यालय खोलने से छात्र-छात्राओं और शिक्षकों की मौत की खबर है। विपक्ष के दबाव में एक दिन पहले स्कूल बंद किए लेकिन फिर भी इस जानलेवा गर्मी में शिक्षकों को स्कूल आने के कड़े निर्देश दिए गए हैं। जब छात्र ही स्कूल में नहीं रहेंगे तो शिक्षक क्या करेंगे? इस भीषण गर्मी में शिक्षकों को अवश्य ही छुट्टी देनी चाहिए। बिहार की एनडीए सरकार शिक्षकों के प्रति ऐसे अमानवीय निर्णय क्यों ले रही है? मुख्यमंत्री सहित पूरा मंत्रिमंडल वातानुकूलित कमरों में आराम फ़रमा शिक्षकों की जान लेने पर आमादा क्यों है ?’

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