आमदनी की एक और उम्मीद बना सूर्यमुखी

By Team Live Bihar 124 Views
1 Min Read

खगड़िया, संवाददाता
गेहूं व मक्का के क्षेत्र में खेती का ट्रेंड तेजी से बदल रहा है। किसान अब कम लागत में बेहतर मुनाफे की तलाश में परंपरागत खेती को छोड़ विकल्प की तरफ कदम बढ़ा रहे हैं। ऐसे ही एक किसान हैं दयानंद मिश्रा। उन्होंने मक्का और गेहूं की खेती को छोड़ सूर्यमुखी की खेती कर आमदनी की एक और उम्मीद पैदा कर दी है। यह प्रयोग इलाके के किसानों के लिए बेहतरी की ओर एक साहसी कदम है। दयानंद ने इलाके में सूर्यमुखी की खेती पहली बार की है। चौथम प्रखंड के करुआ मोड़ पर एनएच 107 के किनारे खेतों में सूर्यमुखी के पीले फूल खिले हर राहगीर को एक बार अपनी तरफ देखने को मजबूर कर रहे हैं। दयानंद बताते हैं कि इस बार मैंने एक एकड़ में सूर्यमुखी की खेती शुरू की है। अब तक मक्का, गेहूं और सरसों तक सीमित किसान नई फसल से मुनाफा देख रहे हैं। सूरजमुखी की खेती से अन्य फसलों की तुलना में 4-5 गुना ज्यादा आमदनी की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इस खेती में लागत मात्र 20 हजार रुपए आई है।

Share This Article