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Desk: मेडिकल स्टोर के फर्जीवाड़े पर अब केंद्र सरकार की नजर है। अब देश का कोई भी मेडिकल स्टोर संचालक फर्जीवाड़ा नहीं कर पाएगा। सेंट्रल मॉनिटरिंग सिस्टम पर एक क्लिक में देश के किसी भी कोने के मेडिकल स्टोर की पूरी कुंडली खंगाली जा सकेगी। मार्च 2021 से इस नई व्यवस्था को लागू करने की योजना पर काम चल रहा है। इसके लिए औषधि नियंत्रकों का प्रशिक्षण भी पूरा हो चुका है।

ऐसे पकड़ में नहीं आते मेडिकल स्टोर

मौजूदा समय में सेंट्रल पोर्टल पर डेटा नहीं होने के कारण किसी भी मेडिकल स्टोर की जानकारी लेना काफी मुश्किल हो जाता है। अगर कोई गड़बड़ी सामने आती है तो संबंधित मेडिकल स्टोर के बारे में पता लगाने में समस्या होती है। अगर मामला दूसरे स्टेट का हो तो पता लगाने की प्रक्रिया और भी जटिल हो जाती है। ऑनलाइन कहीं से भी मेडिकल स्टोर या मैन्युफैक्चरिंग की जानकारी नहीं मिल पाती है।

अब सेंट्रल पोर्टल पर होगा पूरा डाटा

केंद्र सरकार सेंट्रल पोर्टल शुरु करने जा रही है। C डैक द्वारा इसे तैयार किया जा रहा है जिसकी मॉनिटरिंग केंद्रीय औषधि नियंत्रण CDSCO द्वारा की जाएगी। पोर्टल का ट्रायल भी चल रहा है और औषधि निरीक्षक व नियंत्रकों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इस पोर्टल के एक्टिव होने से पूरे देश के सभी मेडिकल स्टोर और मैन्युफैक्चरर का पूरा डेटा एक साथ एक जगह मिल जाएगा।

देश के किसी कोने से कर सकते हैं आवेदन

मेडिकल स्टोर के लाइसेंस और मैन्युफैक्चरिंग के लिए अब देश के किसी भी जगह से ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। इसके लिए statedrug.gov.in पर आवेदन करना होगा। एलोपैथ, होम्योपैथ, आयुर्वेद से लेकर किसी भी पद्धति वाले दवा की खुदरा थोक बिक्री के लाइसेंस के लिए इसी एक पोर्टल पर ही आवेदन पूरे देश में होगा। आवेदन के दौरान स्टेट और जिले का चयन करना होगा। आवेदन करने के साथ ही पूरा डिटेल संबंधित जिले के औषधि नियंत्रतकों को दिखने लगेगा वह भौतिक सत्यापन और स्थलीय निरीक्षण के बाद लाइसेंस जारी कर देंगे। पहली बार ऐसा होने जा रहा है जब फुटकर और थोक के साथ मैन्युफैक्चरिंग का भी लाइसेंस एक पोर्टल से जारी होगा।

सरकार के पास होगा पूरे देश का डेटा

इस नई व्यवस्था में सबसे बड़ी बात यह होगी की पूरे देश के मेडिकल स्टोर और मैनुफैक्चरिंग करने वालाें का पूरा डेटाबेस तैयार होगा जो सेंट्रली यानि केंद्र सरकार के पास होगा। इसमें कोई भी मेडिकल स्टोर या मैनुफैक्चरर कोई गड़बड़ी करता है तो किसी भी स्टेट में कहीं से भी उसके बारे में पोर्टल पर एक क्लिक में जानकारी जुटाई जा सकेगी। टैक्स से लेकर फर्जीवाड़े तक की कुंडली बस एक क्लिक में सामने आ जाएगी।

फार्मासिस्ट का फर्जीवाड़ा भी खुल जाएगा

दवा की दुकान और मैन्युफैक्चरिंग के लिए एक्सपर्ट की सूची देनी होती है। दवा की दुकान चलाने के लिए लाइसेंस के आवेदन के समय फार्मासिस्ट की सूची देनी होती है। देश में ऐसे कई फार्मासिस्ट हैं, जो फर्जीवाड़ा कर एक नाम पर कई लाइसेंस ले लिए हैं। हालांकि, ऑनलाइन व्यवस्था होने से इस पर सख्ती आई है लेकिन इसके बाद भी फर्जीवाड़ा हुआ है। अब ऐसे लोगों को सेंट्रल पोर्टल से पकड़ना आसान हो जाएगा। सेंट्रल पोर्टल तैयार होते ही ऐसे मामलों पर पूरी तरह से अंकुश लग जाएगा।

लाइसेंस लेना भी होगा आसान

पटना के सहायक औषधि नियंत्रक विश्वजीत दास गुप्ता का कहना है कि सेंट्रल पोर्टल चालू होने के बाद लाइसेंस की प्रक्रिया काफी आसान हो जाएगी। सेंट्रल के पास एक बड़ा डेटा बेस भी तैयार हो जाएगा। अब किसी भी प्रदेश के किसी भी मेडिकल स्टोर के पर्चे से उसके बारे में पूरी जानकारी कहीं से भी जुटाई जा सकेगी। इतना ही नहीं लाइसेंस लेना भी काफी आसान हो जाएगा। मेडिकल स्टोर, थोक कारोबार, इमप्लांट्स के साथ साथ औषधि निर्माण के लिए लाइसेंस लेना भी आसान होगा। एक हीर पोर्टल पर मेडिकल से जुड़े हर लाइसेंस का आवेदन और मॉनिटरिंग का काम होगा। पूरे भारत का बस एक पोर्टल होगा जिस पर हर प्रदेश को काम करना होगा। इसके लिए प्रशिक्षण हो चुका है। उम्मीद है कि बहुत जल्द इस व्यवस्था का शुभारंभ हो जाएगा।

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