Desk:बिहार के उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद ने द्वितीय अनुपूरक बजट की जरूरत बताते हुए कहा है कि नगर निकायों के पुनर्गठन के बाद प्रदेश की शहरी आबादी में करीब चार फीसद का इजाफा होगा। अभी यह 11.3 फीसद है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह आंकड़ा 31.2 फीसद है। शहरीकरण को बढ़ावा देने के लिए नगर निकायों के क्षेत्र का विस्तार किया जा रहा है, जिसके बाद 142 से बढ़कर 258 निकाय हो जाएंगे। शहरी आबादी का फीसद भी 11.30 से बढ़कर 15.28 हो जाएगा। ऐसे में अतिरिक्त राशि की जरूरत पड़ रही है।
नगरीय जीवन को सुगम बनाने के लिए अतिरिक्त बजट की जरूरत
विधानसभा में शुक्रवार को तार किशोर प्रसाद 19370 करोड़ रुपये के द्वितीय अनुपूरक बजट के पारित होने के पहले विपक्ष के कटौती प्रस्ताव के बाद सरकार की ओर से जवाब दे रहे थे। अनुपूरक की मुख्य मांग नगर विकास पर विमर्श के बाद तार किशोर ने कहा कि नगरीय जीवन को सुगम बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं में दो हजार 379 करोड़ 48 लाख रुपये की अतिरिक्त जरूरत है।
पटना मेट्रो के पहले चरण में दो सौ करोड़ रुपये की जरूरत
पटना मेट्रो रेल बिहार की महत्वाकांक्षी परियोजना है। इसके पहले चरण में दो कारीडोर के स्टेशनों के लिए जमीन के अधिग्रहण के लिए दो सौ करोड़ की जरूरत है। तारकिशोर ने बताया कि नाला निर्माण, सीवरेज एवं अन्य योजनाओं के साथ नागरिक सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। अतिवृष्टि के कारण 2019 में पटना में जल-जमाव हो गया था। उ’च स्तरीय समिति के सुझाव पर 22 स्थानों पर नए ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन बनाने की योजना स्वीकृत की गई है। पहले के स्टेशनों की क्षमता बढ़ाई जा रही है। जाम से मुक्ति के लिए अंतरराज्यीय बस स्टैंड बनाए जा रहे हैं।
कचरा फेंकने के लिए बाजार दर पर जमीन खरीद रही सरकार
शहरों में कचरा फेंकने के लिए बाजार दर पर जमीन खरीदी जा रही है। अमृत योजना के तहत एक लाख से अधिक आबादी वाले 21 नगर निकायों में जलापूॢत योजना, स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज योजना एवं 27 निकायों में पार्क विकास योजना पर काम किया जा रहा है। इसमें 50 फीसद राशि केंद्र, 30 फीसद राज्य एवं 20 फीसद संबंधित निकायों को देना है। इस तरह नगर विकास एवं आवास विभाग को 2379 करोड़ 48 लाख 9 हजार रुपये की जरूरत है।
19370 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पास
विधानसभा में चालू वित्तीय वर्ष के लिए 19370 करोड़ तीन लाख 25 हजार रुपये का द्वितीय अनुपूरक बजट पारित हो गया। राजद विधायक समीर कुमार महासेठ के कटौती प्रस्ताव पर शुक्रवार को मुख्य मांग नगर विकास एवं आवास विभाग पर विमर्श हुआ। कुल व्यय में राजस्व मद में 16,034.6903 करोड़ एवं पूंजीगत मद में 3335.3422 करोड़ रुपये है। दो दिन पहले ही सदन में अनुपूरक बजट पेश किया गया था।