आरसीपी सिंह और नीतीश कुमार
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पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफी करीबी रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह बीजेपी का दामन थामने वाले हैं। खबर की माने तो आरसीपी सिंह दिल्ली स्थित भाजपा कार्यालय में पार्टी की सदस्यता ग्रहण करेंगे। इस दौरान भाजपा के कई बड़े नेता मौजूद रह सकते हैं। दरअसल, आरसीपी सिंह जेडीयू से इस्तीफा दे दिया था और नीतीश कुमार के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया था। हालांकि, इस्तीफे के बाद उन्होंने कोई पार्टी जॉइन नहीं की थी लेकिन चर्चा थी कि वह बहुत जल्द बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। अब इस बात पर मुहर भी लगने वाली है। बता दें कि आरसीपी सिंह जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

बताते चलें कि नीतीश कुमार के बाद जेडीयू में आरसीपी सिंह की दूसरे नंबर की हैसियत थी, लेकिन मोदी कैबिनेट का हिस्सा बनने के बाद उनके रिश्ते में दरार आने लगी और आरसीपी को तीसरी बार जेडीयू से राज्यसभा पहुंचने का मौका नहीं मिला था। जिसके चलते उन्हें मोदी कैबिनेट छोड़ना पड़ा था। आरसीपी सिंह ने अपने इस्तीफे की घोषणा के साथ ही कहा था कि जेडीयू में कुछ नहीं बचा है। वो अब डूबता हुआ जहाज है। हमसे चिढ़ है, तो हमसे निपटो, हमारे पास विकल्प खुले हुए हैं। वर्तमान समय में मुझ पर अकूत संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया गया। ये उनकी छवि को बदनाम करने की कोशिश थी। जिसके बाद उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।

साल 2016 में आरसीपी सिंह को जेडीयू ने दोबारा राज्यसभा भेजा और शरद यादव की जगह राज्यसभा में पार्टी का नेता भी मनोनीत किया था। नीतीश कुमार ने जब जेडीयू राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ा तो आरसीपी सिंह को ही पार्टी की कमान सौंपी थी। ऐसा कहा जाता है कि आरसीपी सिंह से नीतीश कुमार की दोस्ती उनके केंदीय मंत्री पद पर रहने के दौरान हुई थी। नीतीश कुमार कैबिनेट में मंत्री थे और आरसीपी एक आईएस अधिकारी।

जानकारी हो कि आरसीपी सिंह मूल रूप से नालंदा के रहने वाले हैं। नीतीश कुमार के कभी काफी करीबी रहने वाले आरसीपी सिंह औज राजनीतिक तौर पर उनके दुश्मन बन बैठे हैं। आरसीपी सिंह भी कुर्मी जाति से आते हैं तो वहीं नीतीश कुमार भी कुर्मी जाति से ही है। ऐसे में नीतीश कुमार का एक्स फैक्टर कहे जाने वाला लव- कुश समीकरण में सेंधमारी हो सकती है।

आपको बताते चलें कि, इससे पहले जनता दल यूनाइटेड के पूर्व प्रवक्ता डॉ. अजय आलोक ने भी 28 अप्रैल को बीजेपी का दामन थामा था। यह भी सीएम नीतीश कुमार के लिए झटका से कम नहीं था।दिल्ली में उन्हें केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बीजेपी की सदस्यता दिलाई थी। इससे पहले अजय आलोक जनता दल यूनाइटेड में काफी लंबे समय तक प्रवक्ता के रूप में काम कर चुके हैं। वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी नेताओं में माने जाते थे।

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