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बिहार विधानसभा का भवन आज 100 साल का हो गया। 7 फरवरी 2021 को इस भवन की शताब्दी पूरी हो रही है। ऐसे में हमने जब बिहार विधानसभा के पन्नों को पलटने की कोशिश की तो पाया कि इस भवन ने अपनी झोली में बेशुमार यादगारियां संजो रखी हैं। रोमन (इतावली) डिजाइन की खूबियों को समेटे इस भवन ने कई सरकारें, कई मुख्यमंत्री, कई विधानसभा अध्यक्ष देखे। आजादी के बाद सत्रहवीं विधानसभा आते-आते हजारों की संख्या में नए-पुराने सदस्यों को इसने पुष्पित-पल्लवित होते देखा।

बिहार के विधायी इतिहास में सात फरवरी 1921 महत्वपूर्ण तिथि है. इसी तारीख को पटना में लेजिस्लेटिव काउंसिल की पहली बैठक हुई थी. यह बैठक उसी भवन में हुई थी जिसे आज बिहार विधानसभा के नाम से जाना जाता है. दरअसल 1919 में बिहार एवं उड़ीसा को स्वतंत्र राज्य का दर्जा मिला था और इसके पहले गवर्नर लॉर्ड सत्येन्द्र प्रसन्न सिन्हा बने थे. तब लेजिस्लेटिव काउंसिल में सदस्यों की संख्या 103 तय की गई थी जिसमें 76 निर्वाचित एवं 27 राज्यपाल द्वारा मनोनीत सदस्य थे.

मार्च, 1920 में लेजिस्लेटिव काउंसिल का भवन बनकर तैयार हुआ. इस भवन में काउंसिल की पहली बैठक सात फरवरी, 1921 को हुई, जिसे लार्ड सत्येन्द्र प्रसन्न सिन्हा ने गवर्नर के रूप में संबोधित करते हुए भवन का उद्घाटन किया था. ग़ौरतलब है कि बैठक और भवन के शुभारंभ के 100 साल पूरे होने पर शताब्दी समारोह का आयोजन किया जा रहा है. इसी विधानसभा में कई ऐसे ऐतिहासिक फैसले लिए गए जिसकी चर्चा आज भी देश और दुनिया में होती है.

श्री कृष्ण सिंह के मुख्यमंत्री रहते भूमिहीन गरीबों के लिए बिहार राज्य वास भूमि अधिनियम हो, भूमि सुधार अधिनियम जिसे ज़मींदारी उन्मूलन कानून भी कहते है पारित हुआ था. पंचायती राज में महिलाओं को 50 फ़ीसदी आरक्षण देने का मामला हो या फिर शराबबंदी कानून सभी को विधानसभा से ही पारित करवाया गया था जिसे सफल बनाने के लिए एक सुर में तमाम माननीयों ने शपथ ली थी. जलवायु परिवर्तन को लेकर जल जीवन हरियाली कार्यक्रम भी इसी सदन से पारित हुआ था.

पटना के इस शताब्दी समारोह के दौरान कई विशिष्ट अतिथि कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे. विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा, विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव, उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री रेणु देवी, परिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह, संसदीय मंत्री विजय कुमार चौधरी, सांसद सुशील कुमार मोदी समेत केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद भी शताब्दी समारोह में मौजूद रहेंगे. इस मौके पर बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री सहित पूर्व विधायकों और वर्तमान विधायकों को भी बुलावा भेजा गया है.

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