लाइव बिहार: इस बार आपके घर पर्ची देने कोई नहीं आएगा. कोरोना काल में चुनाव ने ऐसे लोगों का रास्ता रोक दिया है. अब वे नई तरकीब सोच रहे हैं। इसके लिए हाईटेक नेटवर्क तैयार किया जा रहा है। यह नेटवर्क प्रत्याशियों और मतदाताओं के बीच की दूरी को कम करने वाला होगा। पटना में इसके लिए आईटी के एक्सपर्ट्स काम कर रहे हैं।
चुनाव के दौरान मतदान से ठीक पहले प्रत्याशियों के समर्थक पर्ची लेकर मतदाताओं के घर का दरवाजा खटखटाते हैं। यह वही लाल पीली और सफेद पर्ची होती है जो मतदाताओं का काम आसान करती है। इस पर्ची में मतदाताओं का नाम, पता, बूथ संख्या और मतदाता सूची में क्रमांक का पूरा ब्यौरा होता है। पर्ची लेकर बूथ तक जाने वालों को समस्या नहीं होती है। मतदान केंद्र पर चुनाव पदाधिकारी पर्ची पर अंकित जानकारी को अपनी सूची से मिलाकर संबंधित मतदाता की वोटिंग करा देता है।
यही कारण है कि मतदाताओं को पर्ची का इंतजार होता है। पर्ची मतदाताओं के लिए ही नहीं बल्कि प्रत्याशियों के लिए भी जरूरी होती है। क्योंकि इसी बहाने प्रत्याशी और उनके समर्थक भी मतदाताओं के घर दस्तक देते हैं। पर्ची देकर वोट मांगने का असर भी मतदाताओं पर पड़ता है। केसरी नगर निवासी एसके सिंह का कहना है कि चुनाव ग्राम प्रधान का हो या फिर सांसद या विधायक का, पर्ची तो हर बार मतदान से पहले मिल जाती है। बचपन से ही पर्ची देने की परम्परा रही है, प्रत्याशियों के लिए यह मतदाताओं तक पहुंचने का एक माध्यम भी होता है।
पर्ची के लिए काम करने वाली एजेंसी ए-टू-जेड आईटी विजन के डायरेक्टर आफताब अली का कहना है कि कोरोना काल में चुनाव का पूरा ट्रेंड ही बदल गया। अब सारा काम वर्चुअल हो गया है। प्रत्याशियों की बड़ी समस्या मतदान की पर्ची को लेकर थी। वह ऐसी व्यवस्था चाहते थे जिससे यह काम भी आसान हो जाए। इसके लिए अलग-अलग तरह का सॉफ्टवेयर बनाया गया है। साफ्टवेयर डेवलपर्स का कहना है कि मोबाइल का एप बनाया गया है, अलग-अलग प्रत्याशियों ने अपने-अपने हिसाब से उसे डिजाइन कराया है।
आईटी एक्सपर्ट राजन सिंह का कहना है कि भाजपा प्रत्याशियों ने एप को सबसे पहले बनवाया है। शहर की एक प्रमुख सीट के भाजपा प्रत्याशी के चुनाव प्रभारी ने बताया कि इसकी तैयारी काफी दिनों से की जा रही थी। विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं का नंबर भी जुगाड़ कर लिया गया है। एक टीम को इसके लिए लगाया गया है। वह मतदाता सूची से मोबाइल एप के सहारे पूरी जानकारी निकालकर ई पर्ची मतदाताओं के नंबर पर व्हाट्सएप कर देंगे। इसके लिए मतदाताओं का व्हाट्सएप नंबर भी इकट्टा कराया गया है। जिन मतदाताओं का व्हाट्सएप नंबर नहीं है उन्हें टेक्स्ट मैसेज के माध्यम से ई पर्ची की पूरी जानकारी भेजी जाएगी।