बिहार बंद का असर बिहार के हर जिले में छिटपुट दिखने को मिला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माँ को गाली दिए जाने के विरोध में भाजपा ने बिहार बंद बुलाया था। सुबह से ही राजधानी पटना सहित कई शहरों में बंद समर्थक सड़क पर उतरकर बंद को सफल बनाने की कोशिश में लगे पहे। इस दौरान पटना के प्रमुख स्थान के पास भाजपा समर्थक सड़क पर उतरे। उन्होंने सड़क के बीचो-बीच बांस लगाकर वाहनों का अवागमन बाधित कर दिया। इस कारण बेली रोड, डाकबंगला चौराहा, कोतवाली, पटना जंक्शन, गांधी मैदान, बोरिंग रोड आने जाने वाले वाहनों को जहां तहां रुकना पड़ा।
बंद समर्थको ने सड़क पर बसों और अन्य वाहनों के आगे लेटकर उनका परिचालन बाधित कर दिया। ‘मैं भी माँ हूँ, माँ का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान, माँ का अपमान नहीं सहेगा बिहार’ का नारा लगाते हुए बंद समर्थकों ने पूरी सड़क को घेर कर विरोध प्रदर्शन किया। सुबह करीब 8 बजे से ही बंद समर्थकों के सड़क पर उतरने के कारण ऑफिस जाने वाले और स्कूल-कॉलेज जाने वालों को जहां तहां रुकना पड़ा या फिर उन्हें वैकल्पिक मार्गों का सहारा लेना।
वहीं रोड जाम किये हुए लोगों से आम लोगों की तीखी नोकझोंक भी देखने को मिली. कई लोगों ने इसका विरोध किया कि इस तरह बिहार बंद किये जाने से उनको परेशानी हो रही है. सियासी लोग एक दूसरे के साथ कब लड़ते झगड़ते हैं और कब गलबहियां कर लेते हैं इसे कोई नहीं जानता लेकिन इस प्रकार के बंद से आम लोगों का रोजमर्रा का जीवन प्रभावित होता है. नीचे के वीडियो में ऐसे ही एक शख्स का भिड़ंत देखने को मिलता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वर्गीय मां के खिलाफ दरभंगा में दिए गए अमर्यादित बयान ने पूरे प्रदेश की सियासत को हिलाकर रख दिया है।बयान के विरोध में एनडीए ने 7 बजे से 12 बजे तक बिहार बंद का आह्वान किया गया है।एनडीए नेताओं ने साफ कहा है “यह केवल प्रधानमंत्री मोदी की मां का नहीं बल्कि 140 करोड़ देशवासियों की अस्मिता का अपमान है।” मां को देवी और भगवान की प्रतिमूर्ति मानने वाले भारत में, किसी राजनीतिक मंच से ऐसी अपशब्द भाषा का प्रयोग न केवल लोकतांत्रिक मर्यादा का हनन है बल्कि सामाजिक संस्कारों पर भी चोट है।
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