भाई वीरेंद्र पर गंभीर आरोप, पुलिसकर्मी को जिंदा जलाने की धमकी का दावा
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण से पहले सियासी पारा और बढ़ गया है। पटना जिले की मनेर विधानसभा सीट से आरजेडी प्रत्याशी और मौजूदा विधायक भाई वीरेंद्र एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। इस बार उन पर एक पुलिस अधिकारी को जिंदा जलाने और जातिसूचक टिप्पणी करने का आरोप लगा है। पुलिसकर्मी के लिखित आवेदन के आधार पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
यह मामला मतदान के दिन का बताया जा रहा है, जब भाई वीरेंद्र एक मतदान केंद्र पहुंचे थे। वहां ड्यूटी पर तैनात एक पुलिस पदाधिकारी से उनकी तेज बहस हो गई। बहस इतनी बढ़ गई कि मामला धमकी और अभद्र व्यवहार तक पहुंच गया। आरोप है कि विधायक ने अधिकारी से कहा, “जला दूंगा, देख लेना!” — और इसी बीच जातिगत टिप्पणी भी की।
मतदान केंद्र पर हुआ विवाद, एफआईआर दर्ज — पुलिस ने माना ‘गंभीर मामला’

पुलिस अधिकारी के लिखित बयान में कहा गया है कि उन्होंने केवल मतदान केंद्र की शांति और सुरक्षा बनाए रखने की कोशिश की थी। उन्होंने बताया कि भाई वीरेंद्र निर्धारित सीमा से अधिक समर्थकों के साथ बूथ के अंदर प्रवेश करना चाह रहे थे, जिसे रोके जाने पर उन्होंने आक्रामक रुख अपनाया।
पटना पुलिस ने इसे गंभीर अपराध (Cognizable Offence) मानते हुए तत्काल मामला दर्ज कर लिया है। एफआईआर में धमकी, अभद्र भाषा और जातीय टिप्पणी से जुड़ी धाराएँ शामिल की गई हैं। पुलिस ने कहा कि यह मामला आचार संहिता का उल्लंघन भी है और चुनाव आयोग को इसकी पूरी रिपोर्ट भेज दी गई है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने मीडिया को बताया, “विधायक का यह व्यवहार न केवल अनुचित है, बल्कि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया में बाधा डालने के समान है। मामले की जांच निष्पक्षता से की जाएगी और किसी भी स्तर पर ढिलाई नहीं बरती जाएगी।”
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भाई वीरेंद्र का पलटवार — ‘राजनीतिक साजिश के तहत केस दर्ज हुआ’
वहीं, आरजेडी प्रत्याशी भाई वीरेंद्र ने इन आरोपों को राजनीतिक साजिश बताया है। उन्होंने कहा कि, “संबंधित पुलिस अधिकारी एक खास राजनीतिक दल के एजेंडे पर काम कर रहे थे। मैंने सिर्फ निष्पक्ष मतदान की मांग की थी, लेकिन मेरे खिलाफ झूठा केस दर्ज किया गया।”
उन्होंने यह भी कहा कि वह इस मामले को कानूनी रूप से चुनौती देंगे। भाई वीरेंद्र ने दावा किया कि पूरा घटनाक्रम एक सोची-समझी राजनीतिक योजना का हिस्सा है ताकि चुनाव से पहले उनकी छवि को नुकसान पहुंचाया जा सके।
वायरल ऑडियो विवाद के बाद फिर चर्चा में आए भाई वीरेंद्र
यह पहली बार नहीं है जब भाई वीरेंद्र किसी विवाद में फंसे हों। कुछ सप्ताह पहले ही उनका एक वायरल ऑडियो क्लिप सामने आया था, जिसमें वे एक सचिव से कथित रूप से अभद्र भाषा में बात कर रहे थे। उस ऑडियो को लेकर भी राजनीतिक हलकों में जमकर चर्चा हुई थी।
अब नए मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद मनेर का राजनीतिक माहौल और गर्म हो गया है। आरजेडी कार्यकर्ता जहां इसे विपक्ष की साजिश बता रहे हैं, वहीं एनडीए खेमे ने इसे “जनता के प्रति अहंकार और प्रशासन के प्रति असम्मान” करार दिया है।
चुनावी पिच पर ‘मनेर’ फिर सुर्खियों में
मनेर विधानसभा सीट इस बार कड़ी प्रतिस्पर्धा वाले क्षेत्रों में से एक मानी जा रही है। यहां मतदान के दिन से ही माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। इस नई एफआईआर के बाद चुनाव आयोग की निगरानी और सख्त हो गई है।
चुनावी विशेषज्ञों का मानना है कि चुनाव से पहले ऐसे विवाद उम्मीदवारों की छवि पर असर डालते हैं, खासकर जब मामला कानून-व्यवस्था और आचार संहिता उल्लंघन से जुड़ा हो। प्रशासन ने कहा है कि “कानून से ऊपर कोई नहीं” और जांच पूरी तरह निष्पक्ष होगी।
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एफआईआर के बाद बढ़ी सियासी हलचल — आरजेडी पर विपक्ष का निशाना
इस घटना के बाद विपक्षी दलों ने आरजेडी पर हमला बोल दिया है। बीजेपी और जेडीयू नेताओं ने कहा कि यह मामला दिखाता है कि “आरजेडी की पुरानी गुंडागर्दी वाली राजनीति फिर लौट आई है।” वहीं, आरजेडी नेताओं ने इसे “साजिश और चरित्र हनन का प्रयास” बताया है।
इस पूरे प्रकरण ने बिहार चुनाव 2025 के राजनीतिक माहौल को और ध्रुवीकृत कर दिया है। प्रशासन अब इस बात पर नजर रखे हुए है कि ऐसी घटनाएँ वोटिंग प्रक्रिया को प्रभावित न करें।
बढ़ते विवादों के बीच सख्त प्रशासनिक रुख
Bihar Election 2025 के बीच यह विवाद न केवल मनेर बल्कि पूरे बिहार की सियासत में चर्चा का केंद्र बन गया है। एक तरफ आरजेडी इस घटना को “साजिश” बता रही है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष इसे “कानून और लोकतंत्र का अपमान” कह रहा है।
अब देखना यह होगा कि जांच के बाद कानूनी कार्रवाई किस दिशा में जाती है और क्या यह मामला चुनावी परिणामों पर असर डालता है। लेकिन इतना तय है कि मनेर विधानसभा अब सिर्फ वोटों की लड़ाई नहीं, बल्कि विवादों की रणभूमि भी बन चुकी है।
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