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मंडलकारा में बंद नगर के दरगाह मोहल्ला निवासी शमशेर अंसारी ने मंगलवार की सुबह लीची के पेड़ से लटक आत्महत्या कर ली. इससे आक्रोशित बंदिया ने मंडलकारा में जमकर बवाल किया. मंडलकारा प्रशासन ने फ्लैग मार्च कर बंदियों को शांत कराया. हंगामा के कारण मुख्य गेट पर पहुंचे मुलाकातियों को भी परेशानी हुई. मुलाकातियों को मेन गेट से ही लौट दिया गया.

मंडलकारा अधीक्षक रामाधार सिंह ने बताया कि शमशेर अंसारी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी. उसे मंडलकारा के अस्पताल में भर्ती किया गया था. अचानक वह अस्पताल से बाहर निकला और वहां स्थित लीची के पेड़ पर चढ़ अपने शर्ट से फंदा लगाकर झूल गया. बंदियों के शोर मचाने पर सुरक्षाकर्मियों ने उसे दौड़ कर पेड़ से उतारा और एम्बुलेंस में ऑक्सीजन पाइप लगाकर मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले गए. वहां डॉक्टरों ने शमशेर को मृत घोषित कर दिया.

अधीक्षक ने बताया कि दो माह पूर्व नगर पुलिस ने शमशेर को हंगामा करने के मामले में गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा था. मजिस्टे्रट की मौजूदगी में डॉक्टरों की टीम बंदी के शव का पोस्टमार्टम करेगी. इसकी वीडियोग्राफी भी होगी. मंडलकारा के बाहर बंदियों के परिजन मामले की जानकारी होने पर पहुंच गए थे।. सभी यह पता लगाने में थे कि किसने आत्महत्या की है. क्योंकि उस वक्त तक यह नहीं मालूम चल रहा था कि किस बंदी ने आत्महत्या की है.

मंडलकारा में बंदी शमशेर अंसारी की आत्महत्या के बाद बंदियों में आक्रोश फैल गया। बंदी हंगामा करने लगे. हंगामे की आवाज सुन जेल में घंटी बजा दी गई. जेल के अन्दर तथा बाहर के बैरक में मौजूद सुरक्षाकर्मी हाथ में लाठी लेकर मंडलकारा के अन्दर दौड़ पड़े. जिसको लाठी नहीं मिली उनलोगों ने पेड़ की डाली उठा ली. अधीक्षक व उपाधीक्षक संजय कुमार गुप्ता भी उस वक्त जेल के अंदर ही मौजूद थे। दोनों अधिकारियों ने बंदियों को समझा-बुझाकर शांत करा दिया. लाउडस्पीकर से बंदियों को शांत रहने की अपील की गई. जेल अधीक्षक ने कहा कि अंदर में किसी तरह का बवाल नहीं हुआ था. बंदी ने आत्महत्या की थी. ऐसे में फ्लैग मार्च कराया जाता है. सुरक्षाकर्मियों का फ्लैग मार्च करना रूटीन वर्क है.

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