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Desk: बिहार सीवान जिले में उस समय अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई जब ड्यूटी पर तैनात पुलिस ने परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश का रास्ता रोक दिया। पहली बार ऐसी स्थितियां उत्पन्न हुईं कि सैल्यूट ठोककर रास्ता देने वाले सिपाही ने ही जज की गाड़ी को रास्ता देने से रोका।

इसकी वजह से जज को पैदल चलकर अपने कोर्ट जाना पड़ा। घटना गुरुवार की है। सीवान कलेक्ट्रेट गेट पर ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश ज्योति स्वरूप श्रीवास्तव की गाड़ी रोक दी। मौके पर अधिवक्ता संगीता सिंह, जयप्रकाश सिंह और मुन्ना शर्मा ने पुलिस को काफी समझाने का प्रयास किया। इसके बावजूद पुलिस के जवान निर्देश के अनुसार गेट नहीं खोलने पर अड़े रहे। इसके बाद प्रधान न्यायाधीश को गाड़ी से उतर अंगरक्षकों के साथ पैदल न्यायालय जाना पड़ा।

बता दें कि व्यवहार न्यायालय के पूर्वी परिसर और जिला जज के परिसर से पश्चिमी परिसर आने का एकमात्र रास्ता कलेक्ट्रेट होकर ही है। जिला जज और डीएम के निर्देश पर अधिवक्ता और न्यायिक पदाधिकारियों की गाड़ियों को इस रास्ते का प्रयोग करने कि अनुमति दी गई थी। न्यायालय प्रशासन और अधिवक्ता संघ को बिना किसी सूचना के कलेक्ट्रेट का दक्षिणी गेट बंद कर दिया गया। इससे परेशानी बढ़ गई। घटना को लेकर व्यवहार न्यायालय परिसर में गुरुवार को अफरातफरी मच गई। फौरन वकीलों ने आपात बैठक बुलाकर घटना की निंदा की और कलेक्ट्रेट का दक्षिणी गेट वकील और जज के लिए खोलने की मांग की।

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