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Desk: 2011 में आदेश जारी कर माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने सभी राज्यों को निर्देश दिया था कि आम गैरमजरूआ जलाशय को अतिक्रमण कर किसी प्रकार का निर्माण कार्य नहीं कराया जा सकता. साथ ही पहले से अतिक्रमण पईन, आहर, तालाब, करहा आदि को चिन्हित कर अतिक्रमण मुक्त करते हुए जीर्णोद्धार कराने का भी आदेश दिया था।

भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग बिहार के तत्कालीन प्रधान सचिव ने राज्य के सभी जिलाधिकारी को माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी आदेश का अनुपालन करने हेतु पत्र भी जारी किया था। परन्तु इससे परे जिला- जहानाबाद के ग्राम-बसंतपुर, पंचायत- गोनावां में खाता संख्या 120 प्लॉट संख्या 470 रकवा 58 डिशमिल किस्म आम गैरमजरूआ गढ्हा (जलाशय) जिसके लगभग 40 डिशमिल भूभाग को कुछ ग्रामीणों द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया है पर गोनावां पंचायत मुखिया जी के द्वारा नलजल योजना का प्लांट उक्त खाता प्लॉट के बीचोबीच लगा दिया गया है।

अब उसी जलाशय पर फेवर ब्लॉक सड़क का भी निर्माण कराया जा रहा है। जिससे उक्त जलाशय का अस्तित्व अब खत्म होने के कगार पर है। इस जलाशय का उपयोग खेतों में सिंचाई करने के लिए कृषक वर्ग के द्वारा किया जाता रहा है। राज्य सरकार द्वारा भूगर्भीय जल स्तर को सामान्य रखने हेतु जलजीवन हरियाली योजना का भी शुरुआत किया गया है। परन्तु बसंतपुर के जमीनी हकीकत को देखने से यह यह साबित होता है कि सरकार के कथनी और करणी एक दूसरे से बिल्कुल विपरीत है। इस प्रकार के अवैध तरीके से अनेकों काम बिहार में भ्रष्ट अधिकारियों से मिलकर धड़ल्ले से होते आ रहा है। जिससे पर्यावरण को बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है। ब्लॉक के अधिकारी, जिला पदाधिकारी और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) को इस प्रकार के कार्य को जल्द से जल्द रोकते हुए दोषी लोगों पर सख्त कार्रवाई करना चाहिए।

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