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पटनाः बिहार में नीतीश और लालू-तेजस्वी के बीच विवाद के बीच बड़ी खबर सामने आ रही है। नीतीश कुमार ने 29 दिसंबर को दिल्ली में पार्टी की बड़ी बैठक बुला ली है। वैसे जेडीयू ने पहले से ही 29 दिसंबर को राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक बुलायी थी, लेकिन अब दूसरा फैसला लिया गया है। पार्टी के सभी सांसदों, विधायकों के साथ साथ छोटे-बड़े 200 से ज्यादा नेताओं को दिल्ली बुलाया गया है। चर्चा है कि कोई बडा फैसला हो सकता है।

जेडीयू सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पार्टी ने 29 दिसंबर को दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी के साथ-साथ राष्ट्रीय पर्षद की भी बैठक बुला ली है. मंगलवार को I.N.D.I.A गठबंधन की बैठक के बाद ये फैसला लिया गया. बता दें कि जेडीयू के पार्टी संविधान के मुताबिक किसी भी बडे फैसले को राष्ट्रीय पर्षद से मुहर लगवायी जाती है. जेडीयू के एक नेता ने बताया कि 29 दिसंबर को दिल्ली में पहले राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक होगी और उसके बाद राष्ट्रीय परिषद की बैठक बुलायी गयी है. इसका मतलब ये है कि राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में पहले कोई बड़ा फैसला लिया जायेगा और उस पर राष्ट्रीय पर्षद की बैठक में मुहर लगवायी जायेगी।

बता दें कि I.N.D.I.A  की बैठक के बाद नीतीश कुमार ने दिल्ली में ही अपने किचन कैबिनेट के लोगों के साथ बैठक की। ललन सिंह से लेकर संजय झा वहां मौजूद थे. उन सबों से बातचीत के बाद 29 दिसंबर को पार्टी के तमाम छोटे-बड़े नेताओं को दिल्ली बुला कर राष्ट्रीय पर्षद की बैठक करने का फैसला लिया गया. राष्ट्रीय पर्षद की बैठक में सभी राष्ट्रीय पदाधिकारी, कार्यकारिणी सदस्य, प्रदेश के पदाधिकारी,  दोनों सदनों के सांसद, विधायक, विधानपार्षद, जिलाध्यक्ष और प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य शामिल होंगे।

अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या नीतीश कुमार अब बड़ा फैसला लेने जा रहे हैं. चर्चा इसलिए भी ज्यादा गर्म है क्योंकि लालू-तेजस्वी से नीतीश कुमार का विवाद अब खुल कर सामने आ गया है. मंगलवार को दिल्ली में I.N.D.I.A की बैठक के दौरान नीतीश कुमार की लालू-तेजस्वी से सही से दुआ-सलाम तक नहीं हुई. नीतीश कुमार की सीट लालू प्रसाद यादव के बगल में थी. लेकिन पूरी बैठक में नीतीश कुमार ने लालू यादव से कोई बात नहीं की. लालू-तेजस्वी नीतीश कुमार से अलग बैठक में पहुंचे औऱ वैसे ही वहां से रवाना हुए. नीतीश कुमार भी अपने कुनबे के साथ अलग बैठक में पहुंचे थे. नीतीश और लालू-तेजस्वी में से कोई बैठक के बाद हुए प्रेस कांफ्रेंस में शामिल नहीं हुआ।

सूत्रों के मुताबिक I.N.D.I.A की बैठक में ममता बनर्जी औऱ अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाने का प्रस्ताव दिया था. नीतीश और उनकी टोली को इससे बड़ा झटका लगा. बैठक में नीतीश को संयोजक जैसा कोई पद देने पर भी कोई चर्चा नहीं हुई. I.N.D.I.A की बैठक में मौजूद एक नेता ने फर्स्ट बिहार को बताया कि नीतीश पूरी बैठक के दौरान अलग थलग ही नजर आये. पूरी बैठक में वे शायद ही एक-दो लाइन बोले।

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