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बिहार सरकार के लाख दावों के बावजूद भी सरकार की ड्रीम प्रोजेक्ट योजना सात निश्चय फेल हो रही है. ऐसा ही मामला मुंगेर जिले के संग्रामपुर प्रखंड के वार्ड संख्या 4 में देखने को मिला, जहां लोगों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है. वार्ड संख्या 4 में 500 से अधिक आबादी वाला गांव आजतक सात निश्चय योजना के पूरा होने के इंतज़ार में है.

वार्ड में ग्रामीणों ने रोड नहीं तो वोट नहीं लिखी तख्ती लगाकर सरकार के अधिकारियों और वार्ड पार्षद के खिलाफ मुर्दाबाद का नारा लगाया. ज़मीनी हकीकत यह कि ग्रामीणों के चलने के लिए आज तक सड़क नहीं बनाई गई. बीते 2 दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण टूटी फूटी सड़क भी घुटने भर से अधिक पानी में डूबी हुई है. बारिश में गांव के घरों में पानी घुस जाता है.

घरों में नाले और बारिश का पानी अंदर आने से लोगों में सरकार और उनके नुमाइंदों के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा है. ऐसे में ग्रामीणों की माने तो विधानसभा चुनाव में JDU को बड़ा झटका इस गांव से लग सकता है. सात निश्चय योजना पूरा नहीं होने के कारण ग्रामीण का कहना है कि चुनाव के समय उम्मीदवार वोट लेने तो आते हैं मगर जितने के बाद लौटकर देखने भी कोई नहीं आता है. जनता मरती रहे लेकिन किसी का कोई सुनता तक नहीं है.

वहीं वार्ड सदस्य मांझी ने बताया कि मुखिया के द्वारा सात निश्चय योजना का पैसा नहीं दिए जाने के कारण सात निश्चय योजना का काम ठप पड़ा हुआ है बीते 2 वर्ष से किसी तरह का सात निश्चय का योजना का काम इलाके में नहीं हुआ है. इस मामले के गर्म होने के बाद इलाके के BDO का कहना है कि वो वार्ड सदस्य, मुखिया और अधिकारियों से बात कर जल्द से जल्द योजना को पूरा कराने की कोशिश करेंगे.

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