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पटना डेस्कः हरियाणा में नए मुख्यमंत्री के रूप में नायब सिंह सैनी होंगे। नायब सिंह सैनी राज्य के उन भाजपा नेताओं में हैं जिन्हें आलाकमान का भी पसंदीदा माना जाता है और मनोहर लाल खट्टर के भी करीबी बताए जाते हैं। मात्र एक बार के विधायक नायब सिंह सैनी को अब पार्टी बड़ी जिम्मेदारी देने जा रही है. साथ ही वे एक बार सांसद भी रह चुके हैं।

नायब सिंह सैनी साल 2002 में युवा मोर्चा बीजेपी अंबाला से जिला महामंत्री बने रहे। इसके बाद साल 2005 में युवा मोर्चा भाजपा अंबाला में जिला अध्यक्ष पर बने रहे। नायब सिंह सैनी ने साल 2009 में किसान मोर्चा भाजपा हरियाणा के प्रदेश महामंत्री रहे। साल 2012 में बीजेपी अंबाला से जिला अध्यक्ष रहे। साल 2014 में वो नारायणगढ़ विधानसभा से विधायक बने। इसके बाद साल 2016 में वो हरियाणा सरकार में राज्य मंत्री रहे। वहीं, वो साल 2019 में कुरुक्षेत्र से सांसद चुने गए. इसके बाद आज उन्हें केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर जिम्मेदारी सौंपी है।

90 सदस्यों वाली हरियाणा विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 46 है। बीजेपी के पास 41, जेजेपी के 10 और कांग्रेस के 30 विधायक हैं। इसके अलावा निर्दलीय 7, हरियाणा लोकहित पार्टी 1 और 1 इंडियन नेशनल लोकदल का विधायक है। 7 निर्दलीय विधायकों में से 6 भारतीय जनता पार्टी के साथ है। वहीं, गोपाल कांडा की हरियाणा लोकहित पार्टी भी बीजेपी के साथ है। यानी अब बात की जाए तो बीजेपी के साथ कुल 48 विधायक हैं। यह बहुमत के आंकड़े को पार करता है।

हरियाणा में लोकसभा सीटों को लेकर भाजपा और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के बीच समझौता नहीं होने के कारण राज्य में सियासी संकट गहरा गया है। मनोहर लाल खट्टर ने अचानक से मंगलवार सुबह पद इस्तीफा दे दिया. अब उनकी जगह नायब सिंह सैनी के सीएम बनने के बाद कई प्रकार के बदलाव देखे जा सकते हैं. इसमें जेजेपी के कुछ विधायकों के टूटने की भी खबर है. वहीं निर्दलीय विधायकों को लेकर भाजपा कोई बड़ा दांव खेल सकती है. इसमें कुछ निर्दलीय विधायकों को राज्य मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है. इन स्थितियों में जेजेपी के सरकार से अलग होने के बाद भी हरियाणा विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 46 हासिल करने में भाजपा को कोई बड़ी परेशानी नहीं होनी चाहिए।

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