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पटनाः बिहार में एनडीए की सरकार जनवरी महीने में ही बनी थी, जिसमें सीएम नीतीश के साथ 9 मंत्री के द्वारा सरकार को चलाया जा रहा है। लेकिन कैबिनेट विस्तार को लेकर लंबे समय से कयास लगाए जा रहे है। ताजा जानकारी के अनुसार अब नीतीश कैबिनट का विस्तार कल शाम तक होगा। इसके पीछे की वजह भाजपा आलाकमान की तरफ से अभी तक मंत्रियों की लिस्ट पर फाइनल मुहर नहीं लगना बताया जा रहा है।

जानकारी के अनुसार कल शाम तक ही सीएम नीतीश कुमार ने बीजेपी से लिस्ट मांगी थी, लेकिन अबतक बीजेपी की ओर से मंत्रियों को सूची नहीं आई है। जिसके कारण आज के बदले कल मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है। वहीं, मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर बुधवार को काफी गहमागहमी रही। बैठकों का दौर जारी रहा और संभावित मंत्रियों के नामों पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने सरकारी आवास एक अणे मार्ग में घटक दलों के साथ बैठक की। इस बैठक में उपमुख्यमंत्री सह प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा शामिल हुए।

लेकिन, आलाकमान के पास नाम नहीं आने पर शुक्रवार को शपथ ग्रहण होगा। अभी मंत्रिमंडल में शामिल 9 मंत्रियों के पास विभाग का अधिक बोझ है। जिसे देखते हुए मंत्रिमंडल विस्तार का फैसला लिया गया है। कैबिनेट विस्तार में इस बात की चर्चा तेज है कि शाहनवाज हुसैन मंत्री नहीं बनेंगे। क्योंकि संजय झा राज्यसभा चले गये हैं वही शाहनवाज अब विधान पार्षद नहीं हैं। इसलिए उन्हें मंत्री नहीं बनाया जाएगा। वही नितिन नवीन, मंगल पांडेय को भाजपा के तरफ से मंत्री बनाया जा सकता है। 

उधर, भाजपा सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पार्टी इस बार भी मंत्रियों का फॉर्मूला 2020 के आधार पर ही तय किया है। उस समय भाजपा कोटे के 16, जदयू से 12, हम से एक, वीआईपी से एक और एक निर्दलीय विधायक मंत्री थे। अभी सरकार में सीएम सहित नौ मंत्री हैं। इसमें जदयू से चार, भाजपा से तीन, हम से एक और एक निर्दलीय विधायक मंत्री हैं। चर्चा के अनुसार मंत्रिमंडल विस्तार के बावजूद आठ-दस पद खाली रह सकते हैं। लोकसभा चुनाव के बाद मंत्रिमंडल विस्तार में कुछ और विधायकों को मंत्री बनाया जाएगा।

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