Desk: बिहार में बसों का किराया 25 फीसद तक बढ़ने वाला है, वह भी बिना सरकार की सहमति के। यह असर है पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमत (Petrol and Diesel Price increased in Bihar) का। ऑटो (Auto) और ई-रिक्शा (E-Rikshaw) वालों के किराया बढ़ाने के बाद अब बस वाले भी आम आदमी की जेब हल्की करने की तैयारी में जुट गए हैं। बढ़ा किराया 14 मार्च की आधी रात यानी 15 मार्च से वसूल करने की तैयारी है। आम तौर पर बसों का किराया सरकार (Bihar Government) ही निर्धारित करती है। लेकिन, इस बार बस मालिकों ने मनमर्जी से किराया बढ़ाने का एकतरफा ऐलान कर दिया है।
रविवार को बैठक कर बस मालिकों ने बनाई रणनीति
बस किराया बढ़ाने के लिए बिहार मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरेशन (Bihar Motor Transport Federation) के बैनर तले बैठक कर बस मालिकों ने बकायदा ऐलान कर दिया है। इसके लिए रविवार को पटना के बाईपास रोड पर बैरिया स्थित एक पेट्रोल पंप पर बस मालिकों ने बैठक कर रणनीति बनाई। फैसले के मुताबिक किराया वसूला जाने लगा तो आपको 100 रुपये की जगह 125 और 200 की जगह 250 रुपये देने होंगे। इससे सीधा बोझ आम आदमी की जेब पर पड़ेगा।
पटना में ऑटो वालों ने मनमाने ढंग से बढ़ाया किराया
इससे पहले पटना सहित बिहार के कई हिस्सों में ऑटो और ई-रिक्शा का किराया मनमाने तरीके से बढ़ा दिया गया है। मनमानी का स्तर यह है कि ई-रिक्शा वाले 200 मीटर की दूरी के लिए भी सीधे आठ रुपये तक किराया ले रहे हैं। ऑटो वालों ने किराये में दो रुपये तक की वृद्धि की है, लेकिन इसमें मनमानी का आलम यह है कि पांच किलोमीटर के किराये में भी दो रुपये ही बढ़ाया गया है और 100-200 मीटर जाने वालों से भी सीधे दो रुपये अधिक किराया लिया जा रहा है। पटना के राजीवनगर में आधा किलोमीटर जाने के लिए ई-रिक्शा वाले 6 रुपये की बजाय अब सीधे आठ रुपये मांग रहे हैं। इसको लेकर लोगों से कहासुनी भी हो रही है।
परिवहन विभाग को है किराया निर्धारित करने का अधिकार
बिहार में बस और ऑटो के किराये को लेकर राज्य का परिवहन विभाग गाइडलाइन जारी करता रहा है। बस मालिकों और ऑटो वालों से बात कर विभाग किराया निर्धारित करता है। लेकिन, इस बार ऐसा नहीं हो रहा है। ऑटो चालकों के बाद अब बस वाले भी मनमानी पर उतर आए हैं। दूसरी तरफ, परिवहन विभाग या स्थानीय प्रशासन इसको लेकर चुप्पी साधे हुए है।