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Desk: बजटीय प्रावधानों में एयरपोर्ट को निजी हाथों में सौंपने की घोषणा के बीच पटना एयरपोर्ट को निजी हाथों में सौंपने के कयास शुरू हो गए है। पटना एयरपोर्ट के कमियों की ओर से इसका विरोध भी शुरू हो गया है।

एयरपोर्ट अथॉरिटी इम्प्लाइज यूनियन की पटना शाखा के सचिव अकलेश कुमार सिंह ने कहा कि लाभ में चल रहे एयरपोर्ट को निजी हाथों में सौंपने का निर्णय सही नहीं है। दिल्ली, जयपुर, लखनऊ, रायपुर, भुवनेश्वर, त्रिची और गुवाहाटी के बीच पटना एयरपोर्ट को भी निजी हाथों में सौंपने की तैयारी है। फिलहाल पटना एयरपोर्ट के विस्तारीकरण में 12 सौ करोड़ से अधिक की राशि खर्च की जा रही है।

वर्ल्ड क्लास सुविधाएं विकसित करने के बाद एयरपोर्ट को निजी हाथों में सौंपने से यात्रियों की जेबें भी ढीली होंगी। कर्मचारी यूनियन के नेता ने कहा कि अभी पार्किंग के लिए आप 50 से साठ रुपये खर्च करते हैं। निजी हाथों में जाने के बाद पार्किंग शुल्क 250 से तीन सौ तक हो जाएगा। दस से 20 रुपये में मिलने वाला पानी का बोतल 200 रुपये में उपलब्ध होगा। एयरपोर्ट के निजी हाथों में जाने पर यात्रियों के साथ-साथ कर्मचारियों के हितों का बड़ा नुकसान होगा।

बदल जाएगी एयरपोर्ट की तस्वीर

अभी पटना एयरपोर्ट पर टर्मिनल बिल्डिंग का अस्थायी निर्माण हुआ है लेकिन इसकी सूरत बदलने लगी है। टर्मिनल भवन सहित निर्माण परियोजना के पूरा होने पर पूरा परिसर चमकने लगेगा। दिल्ली, बेंगलुरु की तरह यहां भी वर्ल्ड क्लास सुविधाएं मिलेंगी। न तो प्रवेश द्वार पर लंबी कतारें लगेंगी न बैगेज चेक इन की मारामारी रहेगी। सुरक्षा जांच एरिया को नया विस्तार मिलेगा। महानगरों के चमकते एयरपोर्ट परिसरों की तरह पटना एयरपोर्ट का भी नजारा होगा। यात्री सुविधाओं में काफी बढ़ोतरी होगी और परिसर में भीड़भाड़ से छुटकारा मिलेगा। परिसर में विमानों की पार्किंग की संख्या भी बढ़ाई जा रही है।

बन रही मल्टीस्टोरी पार्किंग, एलिवेटेड रास्ता बनेगा

एयरपोर्ट परिसर में पहले जहां अफसरों और कर्मियों का फ्लैट था, वहां मल्टीस्टोरी पार्किंग बनाई जा रही है। परिसर में आने-जाने वाले यात्रियों के लिए शहीद पीर अली पथ से जुड़ा एलिवेटेड रास्ता बनेगा। इसी इलाके में बहुमंजिली इमारत बन रही है जहां एयरपोर्ट परिसर के अफसर व कर्मी रहेंगे।

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